ममता मल्हार।
जनप्रतिनिधी कौन? जिससे जनता जुड़ने में हिचक महसूस न करे और उसका प्रतिनिधी भी कोई बाऊंड्रीवॉल सेट न करे।
विधायक शैलेंद्र जैन बुंदेलखंड की राजनीति का एक ऐसा नाम जिससे आम जनमानस सीधा कनेक्ट करता है। बुजुर्ग हों, युवा हों, बच्चे हों या महिलाएं सागर की जनता के लिए वे हमाय विधायक शैलेंद्र जैन या हमाय शैलेंद्र जैन हैं।
आज के परिदृश्य में बहुत कम नेता ऐसे हैं जो जनता के करीब रहकर उनके घर के सदस्य ही बनकर राजनीति नहीं समाजसेवा करते हैं। साफ नियत सही विकास का ध्येय सूत्र लेकर चलने वाले शैलेंद्र जैन उनमें से एक हैं।
सागर की कोई भी गली-मुहल्ला और वहां के एक-एक परिवार को जानने वाले शैलेंद्र जैन जनता के लिए 24× 7 उपलब्ध रहते हैं। आप गूगल करिए उनके कार्यालय कम आवास के पते के नीचे 24 ऑवर ओपन लिखा हुआ है।
साढ़े तीन दशक से ज्यादा का राजनीतिक कैरियर और डेढ़ दशक की विधायकी में 55 साल के शैलेंद्र जैन दिन प्रतिदिन जनता के करीब ही जाते हैं देखे हैं।
उदाहरण के लिए अगर किसी का नाम लिख दिया जाए तो वह तुलनात्मक रूप से ठीक नहीं होगा। लेकिन सदैव श्वेत धवल वस्त्र और सर पर पगड़ी पहनने वाले शैलेंद्र जैन ने राजनीति में एक अलग छाप छोड़ी है।
शिवराज सिंह को लेकर कहा जाता है कि मॉस लीडर कैसे होते हैं तो कहा जाता है कि हां ऐसे होते हैं। ठीक उसी तरह सागर की राजनीती में अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज मौस लीडर्स के बीच शैलेंद्र जैन ने अपनी अलग छवि बनाई है।
एक ऐसा प्रतिनिधी जिससे जनता बात करने में हिचकती नहीं है। किसी के भाई हैं, किसी के बेटे हैं। पार्टी के लिए वे अनुशासित, समर्पित कार्यकर्ता हैं जो कभी पार्टी लाईन से बाहर नहीं जाता।
सामाजिक राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में उतरे परिवार के सामने खामोशी से परिवार की गरिमा कैसे रखी जाती है यह भी नेता शैलेंद्र जैन से सीखने लायक गुण है।
उनकी सरलता का कोई भी कायल हो सकता है। राजनीति में सरलता, सहजता किसी भी राजनेता के का प्लस पॉइंट होती है।
वे एक ऐसे जनप्रतिनिधी हैं जो जनता की समस्याओं का निराकरण व्यक्तिगत तौर पर कराते हैं। उनके यहां नियमित जनता दरबार लगता है।
सागर के विकास के लिए प्रतिबद्ध यह जननेता लगातार अपने क्षेत्र के लिए राज्य सरकार से न सिर्फ मांग करता रहता है बल्कि जिद करके पूरा करवाने में भी माहिर हैं। यह इसलिए दावे के साथ कह सकती हूं क्योंकि राजधानी की पत्रकारिता राजधानी की पत्रकारिता करते हुए उन्हें करीब से देखा है समझा है।
टौरी-टौरी वाले सागर की गलियों के सुनियोजित विकास के बारे में पूर्व के प्रतिनिधी कोई रोडमैप नहीं ला पाए लेकिन शैलेन्द्र जैन ने सागर के विकास का योजनाबद्ध प्रस्ताव विधानसभा में न सिर्फ रखा बल्कि उसे पास कराकर मूर्तरूप भी दिया।
यह विधायक शैलेंद्र जैन का ही विजन है जो सागर स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल कराकर सागर में सड़कों के चौड़ीकरण, स्ट्रीटलाईट और कॉरीडोर जैसे विकास कार्यों को मूर्त रूप देकर सागर की तस्वीर अब कस्बाई से निकलकर छोटे महानगरीय कैनवास की ओर अग्रसर हो रही है।
सागर में मेडिकल कॉलेज की उपलब्धि के अलावा डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाये जाने के बाद स्थानीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए जो परेशानियां सामने आईं तो उन्होंने सागर में में राजकीय विवि की स्थापना की मांग पुरजोर तरीके से उठाई। जो कि सतत प्रयासों से पूरी हुई और शाहर को राजकीय विश्वविद्यालय मिला।
सन् 1992 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बनने के बाद निरंतर संगठन में रहकर पार्टी की रीति-नीति अनुसार संगठन में जमीनी काम करते हुए सागर जिलाध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, संभागीय जिम्मेदारियों को निभाते हुए विधायकी के डेढ़ दशक के सफर को सफलतम पूरा कर चौथी बार का सफर जारी है शैलेंद्र जैन का।
अपनी डेढ़ दशक की विधायकी और अब चौथी पारी शुरू होने के बाद विधायक शैलेंद्र जैन कैबीनेट मंत्री के न सिर्फ दमदार दावेदार हैं बल्कि एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता और जनता के प्रति जिम्मेदार नेता के रूप में उनकी परफॉर्मेंस को इग्नोर करना न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों ने बहुत कुछ बदल दिया। जहां काबिलियत योग्यता अनुभव वाले नेता कॉर्नर हो चुके हैं। ऐसे में पार्टी लाईन पर समर्पित होकर चलने वाले शैलेंद्र जैन के लिए रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं।
क्योंकि उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल है। वे जनता के साथ हैं, जनता के करीब हैं, जनता के वास्तविक प्रतिनिधि हैं, मॉस लीडर हैं।
हॉं मॉस लीडर ऐसे ही होने चाहिए। यह भजापा का प्लस प्वांइट ही उसकी जीत का सबसे मजबूत आधार है।
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