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भोपाल एम्स में पहली बार ब्रेन-डेड ऑर्गन डोनर से सफल किडनी प्रत्यारोपण

खास खबर            Nov 09, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. अजय सिंह के मार्गदर्शन में शुक्रवार, 8 नवम्बर 2024 को एम्स भोपाल ने एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि हासिल की है, जहां पहली बार ब्रेन-डेड ऑर्गन डोनर से सफलतापूर्वक किडनी प्रत्यारोपण किया गया। यह सराहनीय प्रक्रिया एम्स भोपाल और बंसल अस्पताल, भोपाल के चिकित्सा दलों के सहयोग से संभव हो पाई, जिसमें अंगों का प्रत्यारोपण हेतु संग्रहण किया गया।

डोनर को बंसल अस्पताल में ब्रेन-डेड घोषित किया गया था, और इसके बाद एम्स भोपाल में एक मरीज को किडनी प्रत्यारोपित कर उसे नया जीवन दिया गया। अंगों के संग्रहण से लेकर प्रत्यारोपण तक की पूरी प्रक्रिया को अत्यधिक कुशलता और समर्पण के साथ अंजाम दिया गया।

प्रो. सिंह ने इस सफलता पर टीम को बधाई देते हुए कहा, "यह एक ऐतिहासिक पल है, और मैं हमारे चिकित्सा दल को इस उपलब्धि के लिए दिल से बधाई देता हूँ। यह किडनी प्रत्यारोपण हमारे संस्थान की उत्कृष्टता, समर्पण और संसाधनों का प्रमाण है।

 यह न केवल एम्स भोपाल, बल्कि समग्र स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर है, जो अंग दान और प्रत्यारोपण के महत्व को उजागर करता है। हमारी टीम ने इस जटिल प्रक्रिया को जिस कुशलता से पूरा किया, वह हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और क्षमता का परिचायक है।"

प्रो. सिंह ने आगे कहा, "इस प्रक्रिया से हम यह दिखाते हैं कि एम्स भोपाल न केवल रोगी देखभाल के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदान करता है, बल्कि अंग दान और प्रत्यारोपण जैसी जीवन रक्षक प्रक्रियाओं में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह सफलता मध्य प्रदेश में अंग दान और प्रत्यारोपण की संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"

इस किडनी प्रत्यारोपण में नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ महेंद्र अटलानी तथा  यूरोलॉजी विभाग के डॉ देवाशीष कौशल, डॉ के माधवन , डॉ केतन मेहरा और डॉ निकिता श्रीवास्तव शामिल थीं। इस जटिल प्रक्रिया में एनेस्थीसिया विभाग की डॉ सुनैना और डॉ शिखा ने डॉ वैशाली के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह प्रत्यारोपण एम्स भोपाल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

यह न केवल स्थानीय समुदाय के लिए एक आशा की किरण है, बल्कि मध्य प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में विकास की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा। यह सफलता भविष्य में और अधिक अंग दान और प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करेगी और मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

 

 

 


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