Breaking News
Sat, 31 May 2025

कुपोषण के कलंक का परिणाम, कुपोषित बच्चे को 50 बार गर्म चाकू से दागा

खास खबर            Sep 15, 2018


खंडवा से संजय चौबे।

सरकारों के दावे कहते हैं कुपोषण खत्म हो रहा है। पोषण आहार में कंपनियां अपने हिस्से से ज्यादा डकार जाती हैं। मगर इन सबसे भी बड़ी और कड़ी सच्चाई है अंधविश्वास। इसी अंधविश्वास का नतीजा है कि मां—बाप को लगता है उलटे—सीधे तरीकों से बच्चे की बीमारी ठीक हो जायेगी इसके लिए वे कोई भी बर्बर तरीका अपनाने से गुरेज नहीं करते। ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है खंडवा से। जहां अपने बच्चे को मां—बाप ने 50 बार गर्म चाकू से दाग दिया।


मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के आदिवासी ब्लाक खालवा के माथे से कुपोषण का कलंक मिटता नही और चाचूआ के दाग हैं कि जाते नहीं।

ढाई साल के बेटे का कुपोषण दूर करने के लिए बच्चे के अपनों ने ही उसके पेट पर 50 से ज्यादा बार चाचूआ ( आग पर चाकू गर्म कर शरीर पर दागना ) लगाया।

अंधविश्वास पर विश्वास करने के बाद भी हालत नहीं सुधरी तो खालवा के गांव माथनी के बच्चे परस को 8 सितंबर को रोशनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित बालशक्ति केंद्र लाए । जांच के बाद स्टाफ ने उसे जिला अस्पताल खंडवा रैफर कर दिया।

बालक की माँ मीना बाई ओर पिता भैया लाल ने बताया एक महीने में बच्चे को हालत अचानक बिगड़ी है वह खाना भी नही खा पा रहा है। बाल शक्ति केंद्र में 23 बच्चों का इलाज चल है ।इसमें 5 बच्चों की हालत खराब है।


चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती परस को दस्त लग रहे हैं। सांस लेने पर परस की पसलियां उभर आती हैं। वह ठीक से रो भी नहीं पा रहा है। उसका वजन उम्र व हाइट के अनुसार 8 . 5 किलो होना चाहिए जबकि वर्तमान में उसका कुल वजन 4. 49 किलोग्राम है।

कुपोषण के कारण परस के हाथ - पांव पतले व आंखे-गाल भीतर धस गए हैं।


चाचूआ लगने से बच्चे को सेप्टीसीमिया हो सकता है, उसे सदमा लग सकता है उसके दिल व गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं ।


सीएमएचओ डॉक्टर रतन खंडेलवाल का कहना है कि बरसात के सीजन में खालवा क्षेत्र में मरीजों की संख्या में इजाफा होता है। बारिश में डायरिया के संक्रमण की दर बढ़ जाती है।

दो महीने पहले रोशनी के डॉक्टर ने नोकरी छोड़ दी। खालवा के डॉक्टर को चार दिन रोशनी में ड्यूटी के आदेश दिए है ।

 



इस खबर को शेयर करें


Comments