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हॉक कैंप पहुंचे डीजीपी से संतरी ने पूछा आप कौन हैं पासवर्ड बताएं

खास खबर            Oct 14, 2024


 मल्हार मीडिया ब्यूरो।

12 अक्टूबर की रात को डी.जी.पी भोपाल से गोंदिया पहुंचे जहां से लगभग डेढ़ घंटे चलकर मुरकुटडोह ज्वाइंट टॉस्क फोर्स कैम्प का भ्रमण किया। अचानक हॉक् कैंप पहुंचे डी.जी.पी बिना पासवर्ड बताए कैंप में प्रवेश नहीं कर पाए। जब तक पासवर्ड नही बताया गया तब तक कैम्प में डीजीपी कैंप में प्रवेश नहीं कर पाए।

उन्होंने बालाघाट जिले में स्थापित हॉकफोर्स कैम्प पितकोना, डाबरी, सोनगुड्डा, डोरा एवं सीआरपीएफ के कैम्प बिठली का औचक भ्रमण किया।

दरअसल मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सल विरोधी अभियान को गति देने के लिए राज्य पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने जिले का दो दिन के गोपनीय भृमण पर थे।

जब डीजीपी हॉक कैम्प पर पहुंचे वहां संतरी द्वारा सुरक्षा प्रोटोकाल के तहत उनसे परिचय पूछा एवं पासवर्ड बताने को कहा। जब तक पासवर्ड नही बताया गया तब तक कैम्प में डीजीपी का प्रवेश नही हुआ।

डीजीपी द्वारा वहां पदस्थ जवानों से कहा कि मुख्यमंत्री आपकी समस्याओं के निराकरण के लिए सदैव तत्पर रहते है एवं आपके द्वारा किये जा रहे प्रयासों की नियमित रुप से जानकारी लेते है। ऑपरेशनल कारणों से इस दौरे को पूर्णतः गोपनीय रखा गया था।

मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ के ट्रायजंक्शन सीमा क्षेत्र में स्थापित मुरकुटडोह सुरक्षा कैम्प महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में है। इस कैंप में महाराष्ट्र पुलिस की C-60 फोर्स, छत्तीसगढ़ की DRG फोर्स एवं मध्यप्रदेश की हॉक फोर्स तैनात है। इस कैंप का निर्माण अबूझमाड से आने वाले नक्सलियों को रोकने के लिए किया गया है। भ्रमण के दौरान उन्होंने समन्वय एवं संयुक्त अभियानों की समीक्षा की तथा उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन दिया। सभी जवानों से सामूहिक तथा व्यक्तिगत चर्चा कर उनके द्वारा किये जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों तथा समस्याओ के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विषम परिस्थितियों में रहकर भी साहस तथा समर्पण के साथ कार्य करने वाले इन जवानों की प्रशंसा की तथा मनोबल बढाया।

बिठली में स्थित सीआरपीएफ कैम्प में डी.जी.पी. ने सीआरपीएफ की कार्यप्रणाली की जानकारी ली एवं इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि बालाघाट में सीआरपीएफ, हॉकफोर्स एवं अन्य पुलिस बल मिलकर नक्सलियों के विरुद्ध संयुक्त रुप से कार्यवाही कर रहे हैं।

डीजीपी सुधीर सक्सेना रात को हॉक कैम्प डोरा पहुंचे जहां पर उन्होने जवानों के साथ भोजन कर बैरक में रात्रि विश्राम किया। इस दौरान उन्होने जवानों के साथ अनौपचारिक चर्चा की एवं नक्सल समस्या को खत्म करने के लिए उनके सुझाव लिए। हॉकफोर्स कैम्प में रात्रि के समय की जाने वाली सुरक्षा ड्रिल में भी डी.जी.पी. शामिल रहे जिससे जवानों के मनोबल में आशातीत वृद्धि हुई।

डीजीपी द्वारा अधिकारियों को नवीन नक्सल आत्मसमर्पण नीति रणनीति के प्रावधानों का प्रचार स्थानीय निवासियों के माध्यम से करने तथा नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिये प्रोत्साहित किये जाने के भी निर्देश दिये है।

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ली संयुक्त बैठक

आज 14 अक्टूबर को पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना नेडीजी CRPF के साथ नक्सल समस्या के खात्मे एवं आगे की रणनीति तैयार करने के लिए बैठक की। इस बैठक में IB एवं CRPF के वरिष्ठ अधिकारी, IG बालाघाट, IG  तथा  DIG  नक्सल विरोधी अभियान, DIG  बालाघाट रेंज कलेक्टर बालाघाट, पुलिस अधीक्षक बालाघाट, मंडला, डिण्डौरी, कान्हा फिल्ड डायरेक्टर, DFO, के अलावा जिला बालाघाट के अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में विशेष रुप से पुलिस अधीक्षक गोंदिया (महाराष्ट्र), कबीरधाम (छत्तीसगढ़) तथा खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) भी आमंत्रित किये गये। इस बैठक में सामूहिक रणनीति के तहत आपसी समन्वयन स्थापित कर नक्सल अभियान में तेजी लाने एवं नक्सलवाद के खात्मे हेतु विस्तार से चर्चा की गई। नक्सल अभियान में अपनायी जाने वाली रणनीति, सीमावर्ती जिलों में आपसी समन्वय तथा संयुक्त अभियानों को और प्रभावी तथा कारगर बनाये जाने के संबंध में कार्ययोजना पर विचार किया गया। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचालित विकास संबंधी योजनाओं के जैसे सड़क, सम्पर्क, पर्यावरण, दूरसंचार से संबंधित विकास कार्यों को समयावधि में पूर्ण करने हेतु चर्चा की गई, जिससे सामान्य जन में विश्वास बढे।

 

 


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