मल्हार मीडिया भोपाल।
शिशु मृत्यु दर के मामले में मध्यप्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। मप्र में 1000 बच्चों में से 34 की मृत्यु जन्म के समय ही हो जाती है। इसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने सिर्फ 5 निजी अस्पतालों से टाईअप किया है।
यह जानकारी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने विधानसभा में लिखित जवाब में दी।
कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने इस संबंध में सवाल पूछा था। जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री सिंह ने बताया कि पाढर मिशन हॉस्पिटल बैतूल, सदगुरु संकल्प चिकित्सालय विदिशा, जानकी कुण्ड चिकित्सालय सतना, आरोग्यधाम दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट सतना, केसर हॉस्पिटल आलीराजपुर, रिठौर मिशन हॉस्पिटल खुरई से प्रसव के लिए राज्य सरकार ने टाईअप किया है।
रुस्तम सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य का अंश बढ़ने से पिछले तीन सालों में मप्र पर 1150 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि पहले इन योजनाओं में राज्य का 25 प्रतिशत अंश लगता था, लेकिन 2015-16 से 40 प्रतिशत अंश राज्य का लग रहा है। इससे 2015-16 में 376 करोड़, 2016-17 में 347 करोड़ और 2017-18 में 431 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ राज्य पर पड़ा है।
Comments