नरसिंहपुर से समीर खान।
पूरी रात वह चिंता में सो न सका, रात भर किसी अनजान डर से उसकी धडकने बढ़ जातीं।
रात के काले साए में उस सफेद सरकारी कागज के काले अक्षर उसे डरा रहे थे।
वह उठता-बैठता फिर घर के कोने में चादर ओढ़कर दुबक जाता।
रात तो रोज आती थी पर यह रात भारी थी, 09 अगस्त 2022 को कारण बताओ सरकारी कागज पाकर दिन तो पहाड़ जैसा ही गुजरा पर रात गहरे समुंदर सी शोर मचा रही थी, उसके दिल में भी रह रहकर ज्वार उठ रहा था।
कई बार उसने खुद को सलाखों के पीछे काल कोठरी में महसूस किया।
उस कारण बताओ सरकारी कागज के एक-एक शब्द को पढ़ते हुए उसकी जान हलक तक आ जाती और गला सूख जाता।
वह बार-बार उस शब्द को पढ़े जा रहा था और खुद से पूछ रहा था कि क्या वह वाकई राष्ट्रद्रोही है..?
08 अगस्त 2022 का दिन और रात उसके किये किसी यातना से कम नहीं थे।
09 अगस्त के दिन और रात इसी उड़ेधबुन में गुजरे कि अब उसका क्या होगा, 10 अगस्त को उस सरकारी कागज का लिखित जबाव उसने बड़ी विनम्रता से दिया।
उसने लिखा कि 08 अगस्त 2022 को में तिरंगा रैली के लिए रथ लेकर तैयार था पर उसकी चाबी कहीं खो गई थी, काफी खोजने के बाद चाबी नहीं मिली।
इसकी जानकारी मैंने कार्यालयीन कर्मचारियों को दे दी थी, यही कारण रहा कि परिषद को वाहन उपलब्ध नहीं हो सका।
मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूँ, मैं इस देश का जिम्मेदार नागरिक हूँ, मैंने आज तक कोई राष्ट्रद्रोह का कार्य नहीं किया है, न ही भविष्य में करूंगा, भविष्य में ऐसी लापरवाही भी कभी नहीं होगी।
अतः मुझे इस बार माफ कर दिया जाए और मेरी सेवाएं यथावत रखने की कृपा करें, ताकि में अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूं।
दरअसल यह जबाव मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के साईंखेड़ा नगरपरिषद के एक दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मचारी विकास वाल्मीकि ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा मिले कारण बताओ नोटिस के प्रत्युत्तर में लिखा है।
मामला यह है कि नगरपरिषद साईंखेड़ा अंतर्गत 08 अगस्त को शासकीय तिरंगा रैली का आयोजन दोपहर 3 बजे के आस-पास होना था।
पौने 3 बजे सफाई कर्मचारी विकास वाल्मीकि जिससे वाहन चलाने का काम कराया जाता है उसे मोबाईल पर सूचना दी गई कि तुम तिरंगा रथ लेकर रैली में आ जाओ।
विकास घर पर था वह आदेश का पालन करने घर से तिरंगा रथ वाहन की चाबी लेकर तिरंगा रथ लेने पहुंच गया पर इस बीच रास्ते में चाबी कहीं गिर गई।
वह चाबी ढूंढने लगा जो उसे नहीं मिली, इस बीच जो भी कॉल उसके पास आये उसने सभी को बताया कि तिरंगा रथ वाहन की चाबी खो गई है मिल नहीं रही।
जब वाहन रैली में नहीं पहुंचा तो साहब तमतमा गए और आनन-फानन कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, नोटिस क्या था ऐसा लगा जैसे किसी तानाशाह ने अपनी धमक बताई हो।
नोटिस में साफ लिखा कि नगरपरिषद के वाहन को छोड़कर तिरंगा रैली में सभी विभागों के वाहन उपलब्ध रहे लेकिन निकाय का तिरंगा रथ उपलब्ध न होने से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अति अप्रसन्नता जाहिर की गई।
आपका यह कृत्य राष्ट्रद्रोह की भावना के अंतर्गत आता है, क्यों न आपके विरुद्ध राष्ट्रद्रोह धारा के तहत प्रकरण पंजीबद्ध सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जाये।
आप अपना स्पस्टीकरण तत्काल प्रस्तुत करें अन्यथा वगैरह वगैरह..।
नोटिस मिलना, सरकारी कागजों को तामील कराना, आदेश, दिशा-निर्देश कोई बड़ी बात नहीं है, यह रोज जारी होते हैं।
पर नरसिंहपुर जिले में शायद यह ऐसा पहला मामला होगा, जिसमें नगरपरिषद साईंखेड़ा के एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को नगरपरिषद साईंखेड़ा के जिम्मेदार व समझदार मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने नोटिस में कर्मचारी की लापरवाही को राष्ट्रद्रोह का कृत्य बताते हुए भय दिखाते हुए सेवा से पृथक कर दिया।
अब सवाल यह है कि तिरंगा रैली के लिए तैयार रथ की चाबी अगर किसी कर्मचारी से खो जाये तो क्या अधिकारी उस पर राष्ट्रद्रोह का डर दिखाकर उसकी सेवा समाप्त कर सकता है ?
या फिर एक अस्थायी सफाई कर्मचारी को रथ वाहन संचालन की जबावदारी सौंपी जा सकती है ?
तीसरा सबसे महत्वपूर्ण सवाल इस जिले के आलाधिकारियों के लिए यह है कि क्या शासकीय स्वर्गारोहण वाहन (शव वाहन) को तिरंगा रथ बनाकर उसका उपयोग तिरंगा रैली के लिए किया जा सकता है ?
गजब तो यह है कि इस अमृतकाल में शव वाहन को तिरंगा रथ बना दिया गया है, ऐसे में अगर किसी की मौत हो जाये और वाहन तिरंगा रैली में लगा हो तो मुर्दे का क्या होगा और अगर वाहन शव को मुक्तिधाम छोड़ने गया हो तिरंगा रैली का क्या होगा ?
साईंखेड़ा के नगरपालिका अधिकारी इस सवाल का क्या जबाव देंगे ?
फिलहाल संतोषप्रद जबाव न पाने पर दिनांक 10 अगस्त 2022 को दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मचारी विकास वाल्मीकि की सेवा समाप्त कर दी गई है।
अब विकास आजाद है, वह शव वाहन में लगे तिरंगे को देख रहा है, वह देख रहा है आजादी के पूर्व खुदको राष्ट्रद्रोही की तरह... निकाय के आदेश पर जिस स्वर्ग वाहन को विकास ने तिरंगा रथ बनाकर राष्ट्रप्रेम के गीत बजाए, भारतमाता और वंदेमातरम के नारे लगाए वह राष्ट्रद्रोह की भावना का कृत्य कैसे कर सकता है ?
इस सवाल का जबाव वह नरसिंहपुर जिले के हर नागरिक से पूछ रहा है कि क्या वाकई वह राष्ट्रद्रोही है।
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