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धर्म की आढ़ में हुड़दंग का शिकार होती महामना ट्रेन, रेल प्रशासन क्यों है खामोश?

खास खबर            Apr 29, 2022


छतरपुर से धीरज चतुर्वेदी।

इन दिनों मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम बड़ा चर्चित हैं। आश्चर्यजनक तरीके से यहां के अनुयायियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। पूरे प्रदेश से लोग यहां जा रहे हैं। लेकिन बागेश्वर धाम के अनुयायियों से महामना ट्रेन के यात्री बहुत परेशान हो रहे हैं।

यात्रियों की मानें तो महाराज यह शुद्ध रूप से भक्तों का आतंक है, धर्म की आढ़ में बिना टिकिट यात्रा, चेन पुलिंग और रिजर्व कोच में अनाधिकृत प्रवेश कर बदसलूकी क्या यहीं है धर्म की परिभाषा

खजुराहो से भोपाल जाने वाली महामना ट्रेन इन दिनों पूरी तरह से बागेश्वर धाम के भक्तों के कब्जे में है।

भीड़ का रेला जिस तरह ट्रेन को खिलौना समझे है वह भविष्य में बड़े गंभीर हादसे का संकेत है।

रेल प्रशासन भी जागने के मूढ़ में दिखाई नहीं दें रहा। क्या रेल प्रशासन को भी हादसे का इंतज़ार है।

ज्ञातव्य है कि मंगलवार और शनिवार को खजुराहो से टीकमगढ़ ललितपुर जाने और आने वाली ट्रेन पूरी तरह से बागेश्वर धाम के अनुयायियों की गिरफ्त में आ जाती है।

बिना टिकिट की सवारी, रास्ते में चाहे जहाँ चेन पुलिंग करना, यात्रियों से बदसलूकी अब आम हो चला है।

यह सामान्य घटना नहीं बल्कि ऐसा हुड़दंग है जिसकी सभी सीमायें टूट चुकी हैं पर रेल प्रशासन भक्ति की आढ़ में इस हुड़दंग लीला को देखकर भी खामोश है।

बुलडोज़र चलाने की बात पर वायरल वीडियो में अपना जलवा दिखाने वाले क्या अपने इन धर्म रूपी आतंक फैलाने वाले भक्तों को क्या कोई सन्देश देंगे?

आतंक की परिभाषा तो आतंकित से जुड़ी है जिसका सामना इन दिनों रेल प्रशासन सामना कर रहा है।

कभी बाबा की तुलना ढाबा से करो और बुलडोज़र की व्याख्या करो पर आम जीवन के ट्रेन यात्रियों पर आतंक करने वाले यात्रियों पर अंकुश भी लगाने की जिम्मेदारी उनकी है जो उनके मदमस्त भक्त हैं। जो धर्म की आढ़ में हुड़दंग कर रहे हैं।

 


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