मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी स्थित लोहिया सदन में आज 2 अक्टूबर सोमवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर विचार गोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिसका विषय था *बापू के राम *गोष्ठी के प्रमुख वक्ता देश के प्रसिद्ध आलोचक विजय बहादुर जी ने बोलते हुए कहा की गांधी के राम आसन और प्रतिमा में नहीं थे बल्कि गरीब की रोटी में थे , वे कहते थे कि दरिद्र नारायण ही मेरे ईश्वर हैं । आज गांधी के राम को याद करने की आवश्यकता है , यानी देश के गरीबों की चिंता करने की आवश्यकता है।
अध्यक्षता भाषण देते हुए समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर जी ने कहा कि आजकल सरकारें अरबों रुपया खर्च कर राम मंदिर बना रही हैं और दूसरी तरफ आम आदमी के बीच में बसे हुए राम भुखमरी और बेरोजगारी की गोद में हैं । मंदिर बनाना वह भी राजकोष से यह सरकार का दायित्व नहीं है ।
जब सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ था तब तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने बापू से पूछा था बापू ने कहा था कि सरकारी खजाने से मंदिर का निर्माण नहीं होना चाहिए बल्कि जन सहयोग से होना चाहिए और सरदार वल्लभभाई पटेल ने उनके आदेश को माना तथा संविधान के धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों का सम्मान किया । आजकल तो सरकारी राजकोष से मंदिरों का पुनर्निर्माण कर रहीं हैं ।
राजकोष से मंदिरों के दर्शन किए जा रहे हैं और संविधान और बापू का मखौल उड़ा रहीं है। यह कोई धर्म नहीं है बल्कि यह तो अधर्म।
दुखद है कि लगभग सभी सत्ता कांक्षी राजनैतिक दलों में ऐसी ही होड़ लगी है। बापू के राम को अपने अंतरात्मा में खोजना होगा और अपने ही भीतर राम की मर्यादा और विचारों का मंदिर बनाना होगा।
आरंभ में स्वागत भाषण समता ट्रस्ट के अध्यक्ष मदन जैन ने दिया और उन्होंने ट्रस्ट की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ट्रस्ट निरंतर समाजवादी साहित्य का प्रकाशन और अन्य प्रकार के समाज कल्याण के कार्यों को करती है ट्रस्ट का सारा खर्च हम लोग आपस में मिलकर उठाते हैं हम सरकारों और सेठियों के आगे हाथ नहीं फैलाते । गोष्ठी का संचालन लोहिया पुस्तकालय की संचालक डॉ.शिवा श्रीवास्तव ने किया। गोष्ठी में सर्वश्री लाल भाईजान मकसूद भाई श्रीमती मकसूद पूर्व पार्षद, प्रताप मलिक ,अजय श्रीवास्तव ,मूलचंद धारिया केपी सिंह शानू
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