मल्हार मीडिया भोपाल।
भोपाल में रविवार 25 फरवरी को आचार्य विद्यासागर जी महाराज के लिए सामूहिक विनयांजलि सभा आयोजित की गई। सभा श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के विद्या सागर सभागार (जवाहर चौक) में दोपहर 1 बजे से शुरू हुई। इससे पहले रैली निकाली गई, जो जहांगीराबाद से शुरू होकर सभागार में खत्म हुई।
विनयांजलि सभा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। कहा- दुनिया का कोई भी पुरस्कार आचार्य श्री की महिमा को बयां नहीं कर सकता है। यह तो हम अपने संतोष के लिए करेंगे कि यह कर दिया। तुम क्या करोगे। उन्होंने तो वो किया जो इस जगत में कोई नहीं कर सकता। आचार्य श्री इस धरती पर चलते फिरते भगवान थे। उन्होंने जो मार्ग बताएं उन पर ही चल पाएं तो वही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम में शामिल हुईं भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बताया कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार्य जी को भारत रत्न देने के लिए पत्र लिखा है। इससे पहले भाजपा नेता आलोक शर्मा ने आचार्य श्री को भारत रत्न देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को संत दिवस के रूप में घोषित किया जाए।
डोंगरगढ़ से प्राप्त निर्देश पर पूरे देश आयोजन
कार्यक्रम में भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी शामिल हुईं। पंचायत कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज बांगा, मंत्री मनोज आरएम ने बताया कि यह आयोजन पंचायत कमेटी ट्रस्ट एवं सकल जैन, समिति सकल जैन समाज द्वारा किया जा रहा है। डोंगरगढ़ से प्राप्त निर्देशानुसार पूरे देश में सामूहिक विनयांजलि हो रही है।
आचार्यश्री का भोपाल में प्रथम आगमन महावीर जयंती के अवसर पर अप्रैल 2002 में हुआ था। तब यहां 17 से 25 अप्रैल तक उनके लाल परेड मैदान समेत कई स्थानों पर प्रवचन हुए थे। इसके बाद उनका आगमन 9 दिसंबर 2003 में हुआ। टीटी नगर दशहरा मैदान में पंचकल्याणक और चौक दिगंबर जैन मंदिर में शिखर कलशारोहण उन्हीं के सान्निध्य में हुआ था।
तीसरा आगमन उनका 18 जुलाई 2016 को हुआ था। उन्होंने यहां चातुर्मास किया था। विद्यासागर महाराज भोपाल आए थे। उन्होंने भानपुर से सुबह छह बजे विहार प्रारंभ किया था। ‘नमोस्तु-नमोस्तु’ के जयघोष के बीच जगह-जगह उनपर पीले चावल की वर्षा की गई थी। आचार्यश्री करीब 15 किलोमीटर पदविहार करते हुए पौने दो घंटे में हबीबगंज जैन मंदिर पहुंचे थे।
रानी कमलापति स्टेशन के नजदीक लाल पत्थर से दिगंबर जैन मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसका निर्माण कार्य विद्यासागर महाराज की प्रेरणा से 2015 में शुरू किया गया। ये देश में सबसे ऊंचा जैन मंदिर होगा। इसकी ऊंचाई करीब 153 फीट होगी। इसी मंदिर में संत श्री विद्यासागर महाराज ने चातुर्मास किया था।
इस मंदिर को पूरी तरह से तैयार करने के लिए 2024 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। निर्माण प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह जैन समुदाय का प्रमुख धार्मिक स्थल होगा। मंदिर परिसर में ही जैन आचार्य-मुनियों के निवास के लिए संत निवास, प्रवचन सभागार, छात्रावास, पुस्तकालय और स्वास्थ्य की देखभाल के लिए डिस्पेंसरी भी बनेगी। मंदिर का डिजाइन दिल्ली में अक्षरधाम बनाने वाले अहमदाबाद के आर्किटेक्ट वीरेंद्र त्रिवेदी ने तैयार किया है।
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