मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह से नाराज मध्यप्रदेश के हजारों प्राइवेट स्कूल संचालक मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिलने के लिए, भोपाल में स्थित मुख्यमंत्री निवास आने वाले हैं।
प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना है कि सरकार ने मान्यता के नियमों में कुछ इस प्रकार के बदलाव कर दिए हैं कि, ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट स्कूल संचालित करना संभव हो गया है। यदि मुख्यमंत्री ने भी हमारा निवेदन स्वीकार नहीं किया तो हम स्कूल बंद कर देंगे।
सरकार से बैंक एफडी अमाउंट में बढ़ोतरी वापस लेने की मांग
प्राइवेट स्कूल वेलफेयर संचालक मंच मप्र के कोषाध्यक्ष मोनू तोमर ने बताया कि इसमें हजारों की संख्या में प्रदेश भर से स्कूल संचालक शामिल होंगे। मोनू तोमर ने बताया कि इससे पहले हम जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर शिक्षा मंत्री व अपने-अपने जिलों के विधायकों के सामने इस संबंध में गुहार लगा चुके हैं।
सरकार ने मान्यता के नियमों को बहुत जटिल कर दिया है। इससे सबसे अधिक कठिनाई ग्रामीण जिलों में हो रही है। वहीं एफडी अमाउंट में बढ़ोतरी को भी वापस लेने की मांग करते हैं।
शिक्षक बेरोजगार और बच्चे अशिक्षित हो जाएंगे
मोनू ने बताया कि सत्र 2025–26 की मान्यता में बहुत से स्कूलों के बंद होने की संभावना है। स्कूल बंद होंगे तो उसमें कार्यरत शिक्षक व कर्मचारी बेरोजगार व जुड़े संस्थान प्रभावित होगें। बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी। वर्तमान में प्राइवेट स्कूलों से किस प्रकार से राजस्व की बढ़ोतरी की जाए उस पर जोर दिया जा रहा है। इससे पहले शिक्षा के महत्व को समझते हुए मान्यता नियमों को शिथिल रखा गया था।
किराया नाम और सुरक्षा निधि जमा नहीं करेंगे
मोनू ने बताया कि प्राइवेट स्कूल वेलफेयर संचालक मंच मप्र के आह्वान पर निर्णय लिया गया है कि सत्र 2025-26 के मान्यता आवेदन पर रजिस्टर्ड किराया नामा एवं सुरक्षा निधि जमा नहीं की जाएगी। किराया नामा एवं सुरक्षा निधि व आरटीई को लेकर प्रतिनिधि मंडल शिक्षा मंत्री, संचालक लोक शिक्षण भोपाल मप्र व आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र एवं जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन देकर समस्याओं से अवगत करा चुका है।
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