मल्हार मीडिया भोपाल।
काम के लिए गाँव से बाहर जाने वाले श्रमिकों को पहले ग्राम सभा को बताना होगा कि वह कहाँ काम करने जा रहे हैं, उन्हें उस स्थान का पता लिखाना होगा, जिससे कि श्रमिकों के हितों का ध्यान ग्राम सभा रख सकें।
पेसा एक्ट के नियम में प्रावधान है कि शासन की योजना के किसी प्रोजेक्ट में किए जाने वाले सर्वे और भू-अर्जन के लिये ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक होगी।
यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खंडवा में पेसा जागरूकता सम्मेलन में कही।
उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में पुलिस अब आरोपियों पर सीधे कार्रवाई नहीं कर पाएगी।
अगर गांव के किसी व्यक्ति के खिलाफ थाने में FIR होती है तो पहले इसकी सूचना पुलिस को ग्रामसभा को देनी होगी। यह जानकारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों के किसी गांव के कोई भी छोटे-मोटे विवाद और झगड़े थाने में नहीं जाएंगे।
ग्रामसभा अपने स्तर पर सुलझाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी शराब या भांग की दुकान जब तक ग्राम सभा की अनुमति नहीं होगी, वह गांव में नहीं खुल सकेगी।
शिवराज ने कहा कि पेसा कानूल वाले गांवों के विकास एवं योजनाओं के लिए जो राशि सरकार से आती है, उसका कहां उपयोग करना है अब यह भोपाल नहीं, गांव की चौपाल तय करेगी।
यदि शराब की कोई दुकान, स्कूल, अस्पताल या धर्मशाला के पास है, तो ग्राम सभा को यह अधिकार होगा कि उसको हटाने की अनुशंसा वह सरकार को भेज दे, उसे बंद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लागू पेसा एक्ट, जनजातीय भाई-बहनों को सामर्थ्यवान बनाने के साथ-साथ विकास के नव पथ भी सृजित करेगा।
शिवराज ने कहा कि पेसा एक्ट किसी गैर जनजातीय के खिलाफ नहीं है। जनजातीय भाई-बहनों के हित में है। यह जनजातीय भाई-बहनों को और मजबूत करने के लिए है।
यह अनुसूचित क्षेत्र में लागू होगा। यह शहर में नहीं,गांव में लागू होगा। पेसा एक्ट में अब पटवारी और बीट गार्ड को हर साल ग्राम सभा के बीच में वन क्षेत्र और गांव की जमीन का नक्शा तथा खसरे की नकल व पूरी डिटेल रखनी होगी, ताकि धोखाधड़ी से किसी की जमीन किसी के नाम न हो जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सरकार को अनुसूचित क्षेत्र में से कोई भी खनिज का पट्टा, रेत, गिट्टी व पत्थर लेना हो तो सर्वे भी तब करेगी जब गांव वाले और ग्राम सभा अनुमति देंगे।
हर्रा, बहेड़ा, आंवला, महुए का फूल, महुए की गुल्ली, करन का बीज, नीम की निंबोली सहित कई तरह की वनोपज होती है। अभी तक इसका मूल्य वनोपज संघ और व्यापारी करते थे। अब पेसा नियम में ग्राम सभा वनोपज का संग्रहण करेगी और इसका मूल्य भी तय करेगी।
शिवराज ने कहा कि अगर किसी ने निर्धारित ब्याज से ज्यादा या बिना लाइसेंस के कर्जा दिया तो वह कर्ज वसूली नहीं करवा पाएगा। वह कर्ज माफ कर दिया जाएगा।
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