मल्हार मीडिया भोपाल।
लोकसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश सरकार 5000 करोड़ रुपये का कर्ज और लेगी। यह दो किस्तों में लिया जाएगा। पहला कर्ज ढाई हजार करोड़ रुपये का 11 साल के लिए लिया जाएगा। जबकि, ढाई हजार करोड़ रुपये का ही दूसरा कर्ज 21 साल के लिए लिया जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार के ऊपर 31 मार्च 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण पहले से ही है। राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत तक ऋण ले सकती है।
आधा प्रतिशत ऋण ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों के लिए विशेष परिस्थिति में लिया जा सकता है। वर्ष 2024-25 में सरकार 65 हजार करोड़ रुपये तक कर्ज ले सकती है। इसका उपयोग विकास परियोजना और आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए किया जा सकता है।
7-8 अगस्त को बेंगलुरु में उद्योगपतियों से चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बेंगलुरू उद्योगपतियों के साथ 8 अगस्त को चर्चा करेंगे। मप्र में आईटी सेक्टर में निवेश के अवसरों पर इंटरैक्टिव सेशन भी होगा। मुंबई और कोयंबटूर में सफल सत्रों के बाद, कर्नाटक के प्रमुख औद्योगिक केंद्र भारत की सिलिकॉन वैली बेंगलुरु में आयोजित किया जा रहा है।
सत्र का उद्देश्य मध्य प्रदेश के प्रचुर संसाधनों, कुशल कार्य बल और अनुकूल औद्योगिक वातावरण से देश के प्रमुख औद्योगिक संस्थानों को अवगत कराकर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित कर प्रदेश को देश का अग्रणी निवेश स्थल बनाना है। सत्र में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं (आइटीईएस), इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम), कपड़ा और परिधान, एयरोस्पेस और रक्षा, ऑटोमोबाइल और ओईएम, फार्मास्यूटिकल्स, हेल्थकेयर और मेडिकल डिवाइस संबंधी उद्योगों के प्रदेश में निवेश पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
सत्र में विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपति, निवेशक और हितधारक शामिल होंगे। सात अगस्त की शाम को नेटवर्किंग डिनर में उद्योगपतियों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ जुड़ने और संभावित सहयोग पर चर्चा करने का विशेष अवसर प्राप्त होगा।
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