सागर से तनवीर अहमद।
मध्यप्रदेश के सागर में पंचवर्षीय सत्ताधारी विसात भाजपा बिछाती आई है, लोकमन खटीक के बाद से निगम के अंदर कांग्रेस का सूपड़ा साफ ही रहता आया है।
एक बार जरूर जनमत तैयार हुआ लेकिन ये जनमत कांग्रेस भाजपा के विरोध में था और किन्नर कमला ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
उस समय केबीनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह के समर्थन से सविता अशोक अहिरवार को महापौर के लिए उतारा गया था, लेकिन भाजपा जीत तय नहीं कर पाई थी।
एक बार फिर भूपेन्द्र सिंह ने संगीता तिवारी को महापौर के लिए भाजपा से उतारा है।
एक हिसाब से पैराशूट लैंडिंग ही माना जाए क्यूँकि भले ही सुशील तिवारी शहर के चर्चित लोकप्रिय चेहरा हों, लेकिन इनकी धर्मपत्नी सामाजिक परिवेश में उतनी जनकल्याणकारी एक्टिविस्ट नहीं हैं।
यानी एक बड़े रूप में संगीता तिवारी की राजनैतिक शुरुआत है जो भाजपा ने महापौर पद के प्रत्याशी के रूप में इन्हें दी है।
लेकिन यह बात तय है कि अभी क्या वर्षों से शहर में भाजपा का सिक्का चल रहा है और चारों तरफ भाजपा के झण्डे लहराते आ रहे हैं।
इस बार महापौर प्रत्याशी घोषित करने में भाजपा को देर लगी और भाजपा की लेटलतीफी का पूरा फायदा कांग्रेस ने उठाया है।
सागर में पूर्व विधायक सुनील जैन की धर्मपत्नी निधि जैन ने लगभग लगभग पूरे शहर में चुनाव प्रचार कर लिया है और लगातार सतत जनसंपर्क जारी है।
सर्वविदित है कि निधि जैन किसी परिचय की मोहताज नहीं।
विभिन्न भाषाओं की ज्ञाता होने के साथ—साथ मृदुभाषी होने से बेहतर सामाजिक सक्रियता सुनिश्चत कर चुकी हैं।
दूसरी तरफ भाजपा के लिए सवर्ण प्रत्याशी को सवर्णों के साथ—साथ रिजर्वेशन जनमत के बीच फिट करना आसान नहीं होगा।
सागर विधायक शैलेन्द्र जैन की भाजपा के लिए वर्षों से चली आ रही अभूतपूर्व तपस्या महापौर प्रत्याशी के लिए सहयोगात्मक बन सकती है, लेकिन कितनी यह कहना अभी मुश्किल है।
बेहतर सोशल नेटवर्किंग और बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ ही शैलेन्द्र जैन को विजय रथ पर सवार करती आई है।
लेकिन ये भी सच है कि हर चुनाव का अपना जनमत तैयार होता है,जनता दोनों पार्टियों को भी नकार देती है और एक पार्टी को वर्षों तक दूर करती रहती है।
सागर में तो नथिंग इम्पाॅसिवल की तर्ज पर पैराशूट लैंडिंग भी विजय रथ पर सवार हो जाती है। अभय दरे भी जीत का बड़ा उदाहरण हैं और किन्नर कमला भी।
कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील जैन एक बेहतर राजनैतिक रचियता हैं, जनमत तैयार करने की जमावट सुनील जैन की अद्वितीय रहती आई है।
लेकिन अब सुनील जैन के साथ—साथ पूरी कांगेस को भरसक प्रयास करना होगा।
अंतिम समय पर टांय टांय फिस्स होने वाले माॅस कम्युनिकेशन को लगातार ऑक्सीजन देकर वोट के लिए जिंदा रखना होगा।
भाजपा बड़ी सभाओं के लिए स्टार प्रचारकों को सागर में उतारेगी अभिनेता मुकेश तिवारी भी शायद लगातार मौजूद रहें।
इस बीच में दोनों ही पार्टियों को डैमेज कन्ट्रोल से भी गुजरना होगा।
टिकट न मिलने पर वार्ड स्तर से दावेदारों के बगावती तेवर जनमत को बूथ तक पहुँचने के पहले संक्रमित कर सकते हैं।
लेकिन यह संक्रमण थोड़े रूप में नहीं बड़े रूप में वार्ड स्तर से लेकर महापौर प्रत्याशी तक को प्रभावित करेगा।
बहुसंख्यक से लेकर अल्पसंख्यक तक के वोट साधने की कशमकश को दूर करना सुनील जैन अच्छी तरह जानते हैं।
इसलिए पार्षद पद के दावेदारों को अपने स्तर पर बेहतर तरीके से साधने में लगे हैं।
सुनील जैन का मानना है कि पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाने के बाद फील गुड ही नजर आएगा और किसी तरह के बगावती संक्रमण काल से पार्टी को नहीं गुजरना पड़ेगा।
वहीं भाजपा के अंदर अनुशासित दायरे में सब होता आया है।
कुछ बागी तेवर जहाँ नजर आ रहे थे उन्हें विधानसभावार चुनावी जिम्मेदारियाँ देकर पूरा प्रोटोकाॅल तय कर गया है।
सागर में फिलहाल पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी होना शेष है।
सागर/ महापौर का नाम कब से कब तक रहे काबिज
नवीन कुमार जैन 12.08.83 से 11.08.84
हुकुम चंद चौधरी 12.08.84 से 11.08.85
उत्तमचंद्र खटीक 12.08.85 से 11.08.87
प्रशासक 12.08.87 से 04.01.95
लोकमन खटीक 05.01.95 से 1997
राजाराम अहिरवार 25.07.97 से 1998
लोकमन खटीक 1998 से 04.01.2000
मनोरमा गौर 05.01.2000 से 04.01.2005
प्रदीप लारिया 05.01.2005 से 04.01.2010
कमला बुआ 05.01.2010 से 09.12.2011
अनीता अहिरवार 02.04.2012 से 21.01.2014
पुष्पा शिल्पी 22.01.2014 से 31.12.2014
अभय दरे 01.01.2015 से अभी तक
लेखक C7 न्यूज़ सागर के चैनल हेड हैं
C7 न्यूज़ सागर
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