Breaking News

बीजेयू भोपाल की सक्रियता रंग लाई, जागा श्रम विभाग, मजीठिया पर मांगी शिकायतें—सुझाव

मीडिया            Aug 03, 2015


भोपाल मल्हार मीडिया इंडियन फेडरेशन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) नई दिल्ली से संबद्ध भोपाल वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल शहर की सक्रियता के चलते आखिरकार मध्यप्रदेश के श्रम विभाग को जागना ही पड़ा और इसी के तहत उसने मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने से पहले मीडिया संस्थानों में सेवारत पत्रकार एवं गैर पत्रकारों से अपने सुझाव एवं शिकायतों के लिए एक वेबसाइट के माध्यम से 9 अगस्त तक आमंत्रित किए हैं ताकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गत 28 अप्रैल 2015 को सभी राज्यों के श्रम विभाग से मजीठिया की अनुशंसाओं को लागू करने संबंधी दिए गए आदेश की विस्तृत तथा निष्पक्ष रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई समयावधि में प्रस्तुत की जा सके। यहां उल्लेखनीय है कि मजीठिया मामले में देशभर में चल रहे सैकड़ों पत्रकार संगठनों में से (आईएफडब्ल्यूजे को छोड़कर) किसी संगठन ने भी अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की है। परिणाम स्वरूप श्रम विभाग ने एक तरफा रिपोर्ट तैयार कर भेजने की पूरी तैयारी कर ली थी, जिसमें केवल अखबार मालिकों एवं उनके प्रबंधन का ही पक्ष प्रस्तुत किया जा रहा था। इस बात का पता चलते ही भोपाल वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल शहर के एक प्रतिनिधि मंडल ने इंदौर पहुंचकर श्रमायुक्त के.सी. गुप्ता से भेंट कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपते हुए अपना पक्ष रखा और उनसे इस मामले में संबंधित पक्षकारों का पक्ष सुनने के बाद ही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट भेजे जाने का आग्रह किया था। इसी का परिणाम है कि दिनांक 01 अगस्त 2015 को मध्यप्रदेश जनसंपर्क संचालनालय की वेबसाईट पर पत्रकार एवं गैर पत्रकार साथियों से 09 अगस्त 2015 अपने सुझाव एवं शिकायतें आमंत्रित करने संबंधी समाचार पोस्ट किया गया है। श्रम विभाग ने 9 अगस्त मांगे शिकायतें—सुझाव श्रम विभाग ने मजीठिया वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के संबंध में समाचार-पत्र एवं एजेंसी में कार्यरत पत्रकार और कर्मचारियों से 9 अगस्त, 2015 तक सुझाव एवं शिकायत आमंत्रित की हैं। पत्रकार एवं गैर-पत्रकार कर्मचारी विभागीय पोर्टल WWW.labour.mp.gov.in के माध्यम से भी ई-मेल द्वारा अपनी राय भेज सकते हैं। पत्रकार एवं गैर-पत्रकार कर्मचारियों के वेतन और अन्य भत्तों के संबंध में मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसाओं को लागू करने के आदेश श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 11 नवम्बर, 2011 को जारी किये गये थे। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न याचिकाओं को निराकृत करते हुए 7 फरवरी, 2014 को आदेश दिया कि सभी समाचार-पत्र एवं न्यूज एजेंसी संस्थान उनमें कार्यरत पत्रकार एवं गैर-पत्रकार कर्मचारियों को मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसा अनुसार निर्धारित वेतन और भत्ते एरियर सहित प्रदान करें। राज्य शासन के निर्देशानुसार श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिये समाचार-पत्र और न्यूज एजेंसी संस्थानों का निरीक्षण करते हुए आवश्यक निर्देश प्रदान किये गये हैं। उल्लंघनकर्ता संस्थानों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। आईएफडब्ल्यूजे के फेसबुक वॉल से


इस खबर को शेयर करें


Comments