मल्हार मीडिया ब्यूरो।
महाराष्ट्र के पुणे में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुल ढह गया है। सीएम फडणवीस ने बताया कि, इस घटना में चार लोगों के मौत हो गई और 32 लोग घायल हैं। हादसे के बाद बचाव अभियान में एनडीआरएफ ने कई लोगों को बचा लिया है।
महाराष्ट्र के पुणे जिले में पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कुंदामाला गांव के पास इंद्रायणी नदी पर बना एक पुल ढह से चार लोगों की मौत हो गई। वहीं इस हादसे में 18 लोग घायल हैं। एनडीआरएफ की तरफ से चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में कई लोगों को बचाया गया है। जिसमें कई घायल की हालत गंभीर है। मामले अधिकारियों ने बताया कि बचाए जाने के बाद उपचार के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोगों के शव पुल के ढहे हुए हिस्से के नीचे से बरामद किए गए। तालेगांव दाभाड़े पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक प्रदीप रायन्नावर ने कहा, 'ढांचे के नीचे से दो शव बरामद किए गए हैं, लेकिन हमें संदेह है कि एक व्यक्ति वहां फंसा हुआ है। व्यक्ति का पता लगाने और उसे बचाने के प्रयास जारी हैं।'
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पहली प्रतिक्रिया
इंद्रायणी नदी पर पुल ढहने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'मावल में पुल ढहने की घटना हुई है। मैंने डिविजनल कमिश्नर, तहसीलदार और पुलिस कमिश्नर से बात की है। कुछ लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है। कुछ लोग फंसे भी हैं। NDRF की टीम वहां पहुंच रही है...पूरी जानकारी मिलने के बाद ही मैं इस बारे में जानकारी दूंगा। अभी प्रशासन लोगों को राहत पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहा है'।
सीएम फडणवीस ने जताया दुख
इस घटना को लेकर सीएम फडणवीस ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- पुणे जिले के इंदौरी में तलेगांव के पास इंद्रायणी नदी पर बने पुल के ढहने से हुए हादसे की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई है। मैं उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम उनके परिवारों के दुख में शामिल हैं। इस घटना के संबंध में मैं संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और संबंधित तहसीलदार के लगातार संपर्क में हूं। चूंकि कुछ लोग बह गए हैं, इसलिए उनकी तलाश युद्ध स्तर पर की जा रही है। एनडीआरएफ को घटनास्थल पर तैनात किया गया है। राहत कार्यों में तत्काल तेजी लाई गई है। अब तक छह लोगों को सफलतापूर्वक बचाया गया है। सभी एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया गया है। 32 लोग घायल हैं, जिनमें से छह की हालत गंभीर है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। संभागीय आयुक्त खुद घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
हादसे में अब तक 38 लोगों को बचाया गया
जिला प्रशासन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि, 'इस दुर्घटना में अब तक 38 लोगों को बचाया गया है, जिनमें से 18 गंभीर रूप से घायल हैं और उनका तीन अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई।' इसमें कहा गया कि ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए विशेष इकाई राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें, साथ ही अग्निशमन विभाग, पुलिस और स्थानीय बचाव संगठनों के कर्मी बचाव और राहत प्रयासों में शामिल हैं।
मंत्री गिरीश महाजन ने कहा- मामले की होगी जांच
बारिश के बीच भीड़ को आकर्षित करने के बावजूद मौके पर पुलिस की मौजूदगी न होने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, 'यह देखा गया है कि मानसून के दौरान खतरनाक स्थानों के बारे में लगातार चेतावनी दिए जाने के बावजूद लोग अपनी जान जोखिम में डालकर वहां जाते हैं। हम पर्यटकों से अपील करते हैं कि वे ऐसी जगहों पर जाकर अपनी जान जोखिम में न डालें।'
पुल का लोहे वाला हिस्सा ढहा
बता दें कि, इंद्रायणी नदी पर बने पुल के दो हिस्से है, एक सीमेंट वाला हिस्सा है और दूसरा लोहे वाला हिस्सा था, जो ढह गया है। इलाके में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह घटना दोपहर 3:30 बजे कुंदमाला इलाके में हुई, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे नदी का बहाव स्थिर है। उन्होंने बताया कि जब पुल ढहा, तब बारिश नहीं हो रही थी, जबकि कम से कम 100 पिकनिक मनाने वाले लोग मौजूद थे।
एनडीआरएफ ने चलाया बचाव अभियान
पुलिस के मुताबिक, नदी पर बना लोहे का पुल रविवार की दोपहर में ढहा है। ये घटना मावल तहसील के कुंदामाला इलाके के पास हुई है, इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने घटनास्थल पर बचाव अभियान चलाया।
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