गिरीश मालवीय।
रिपब्लिक टीवी के विवादास्पद एंकर अर्नब गोस्वामी को बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा और झटका दिया गया। ये झटका उनकी एक पिटीशन जिसमें गोस्वामी ने उनके विरुद्ध कोर्ट के एक आदेश को रद्द करने की याचिका खारिज करने के लिए दी थी।
जानकारी के अनुसार कोर्ट द्वारा दिल्ली पुलिस को अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। जिसके विरुद्ध में अर्नव गोस्वामी ने आदेश को रद्द करने की याचिका दायर की थी।
जबकि गोस्वामी की दलीलों को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि उच्च न्यायालय सही जगह नहीं था और स्वामी को सत्र न्यायालय में जाना चाहिए था।
उच्च न्यायालय में, कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की रहस्मय मौत के मामले में रिपब्लिक टीवी बनाम शशि थरूर मामले का प्रतिनिधित्व थरूर के अधिवक्ता विकास पाहवा और गौरव गुप्ता द्वारा किया जा रहा था, जिन्होंने दलील दी थी कि गोस्वामी की याचिका का कोई आधार नहीं था।
पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन जज धर्मेंद्र सिंह ने 21 जनवरी को एक आदेश पारित किया था, जिसमें दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया गया था कि वह कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनील पुष्कर की मौत से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों की चोरी करने के लिए गोस्वामी के खिलाफ जांच एवं एक एफआईआर दर्ज करे। आपको बता दें कि शशि थरूर ने उनके ई-मेल अकाउंट की कथित हैकिंग की बात कही थी।
आदेश में कहा गया था, "यह अदालत का विचार है कि शिकायतकर्ता, आरटीआई के जवाब और अन्य सामग्री के रिकॉर्ड से उपलब्ध उत्पादित सारी सामग्री द्वारा लगाए गए आरोपों के मद्देनजर, मामले ने संज्ञेय अपराध का खुलासा किया।"
थरूर के वकीलों, विकास पाहवा,मुहम्मद अली खान और गौरव गुप्ता ने अदालत को बताया था कि गोस्वामी ने सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को गैरकानूनी तरीकों से हासिल किया।
थरूर ने यह भी आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी की मृत्यु से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध नहीं थे। आरटीआई जवाब में भी इसकी पुष्टि की गई थी। दिल्ली पुलिस ने भी एक आरटीआई जवाब ने कहा था कि जांच पूरी होने तक जनता या मीडिया के साथ जांच का ब्योरा साझा करने की अनुमति नहीं थी।
जम्मू-कश्मीर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा विवादास्पद एंकर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के कुछ ही दिनों बाद गोस्वामी को उनकी गैर पेशेवर पत्रकारिता के लिये लगा एक नया झटका है। वैसे भी साल 2017 में भाजपा के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के फंड से शुरू हुआ ये न्यूज़ चैनल अपनी स्थापना के बाद से अपनी पित्त पत्रकारिता के लिये चर्चा में हैं।
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