मल्हार मीडिया भोपाल।
प्रवर्तन निदेशालय भोपाल की टीम ने नवभारत वाले माहेश्वरी परिवार की सतना एवं सीहोर में स्थित 10 प्रॉपर्टी अटैच कर ली है। यह कार्रवाई सुमित महेश्वरी एवं अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग के मामले में की गई है। मामले की जांच जारी है। यदि माहेश्वरी परिवार के लोग दोषी पाए गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
नवभारत प्रेस भोपाल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई
अपने प्रेस रिलीज में प्रवर्तन निदेशालय ने बताया है कि, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत दिनांक 30 मार्च 2024 को मध्यप्रदेश के सतना और सीहोर में स्थित 10 प्रॉपर्टी जिनका मूल्य ₹2.36 करो रुपए है, अटैच कर ली गई है।
यह क्रिया मेसर्स नवभारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड के मामले में की गई है। ED ने प्रेस को बताया कि CBI, SPI, BS और FC द्वारा तैयार की गई चार्ज शीट के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की थी। इसके बाद में मेसर्स नवभारत प्रेस भोपाल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
BOM - बैंक लोन विवाद
जांच के दौरान पता चला कि नवभारत के डायरेक्टर सुमित महेश्वरी एवं अन्य लोगों के माध्यम से सन 2004 में प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीन खरीदने के लिए बैंक आफ महाराष्ट्र की गौतम नगर ब्रांच से लोन लिया गया था।
लोन की रकम को NB GROUP की दूसरी कंपनियों के कर्मचारियों के नाम पर रजिस्टर्ड विभिन्न कंपनियों के बैंक खातों में डायवर्ट कर दिया गया था। इन कंपनियों को सुमित महेश्वरी के भाई सुनील माहेश्वरी द्वारा कंट्रोल किया जाता था।
15.67 करोड रुपए का घापा
इन्वेस्टिगेशन के दौरान यह भी पता चला कि मैसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड के मालिक माहेश्वरी परिवार ने विभिन्न प्रकार की कारपोरेट और पर्सनल देनदारी का निपटारा करने के लिए लोन की रकम को डायवर्ट किया था।
इस प्रकार ऋण की राशि का दुरुपयोग किया गया और बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र को 15.67 करोड रुपए का नुकसान हुआ, क्योंकि लोन अकाउंट NPA हो गया। इसी इन्वेस्टिगेशन के दौरान सतना और सीहोर में माहेश्वरी परिवार के सदस्यों के नाम पर टोटल 10 प्रॉपर्टी की पहचान हुई। जिन्हें अटैच कर लिया गया है। नवभारत के मालिक माहेश्वरी परिवार के खिलाफ जांच जारी है।
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