डिंडौरी से दीपक ताम्रकार।
आप इसे क्या कहेंगे कि जिन बैगा आदिवासियों के लिए मुख्यमंत्री की चौपाल लगाई गई उन्हें चौपाल कार्यक्रम में जाने ही नहीं दिया गया। मीडिया को कवरेज से रोक दिया गया यह कहकर कि आप चाहें तो फोटो खींच सकते हैं मुझे आदिवासियों से जरूरी बात करनी है।
मध्यप्रदेश के डिंडौरी के बजाग जनपद क्षेत्र के चाडा ग्राम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ होने वाली बैगा चौपाल शुरू होते ही जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण विवादों में पड़ गई। इसमें जिला प्रशासन की लापरवाही इस हद तक रही कि वास्तविक बैगा चौपाल में कदम ही नहीं रख पाये और अपनी लिखित गुहार लिए चौपाल के बाहर ही खड़े रह गये।
इतना ही नहीं इस कार्यक्रम के कवरेज से मीडिया को भी रोका गया। जब मीडिया वालों ने सवाल किया कि हमें क्यों बाहर किया जा रहा है तो मुख्यमंत्री ने कहा मैं आदिवासी भाईयों से चर्चा करने आया हूं उनसे बात करनी है आपको फोटो लेना हो तो लें।
जब एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछा गया कि भगाया क्यों गया तो जवाब मिला कि मैं यहां सवाल जवाब करने नहीं आया हूं।
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मीडिया के साथ किए गये इस व्यवहार के लिए स्थानीय पत्रकारों ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है
संवाददाता दीपक ताम्रकार के अनुसार जिन बैगाओं से मिलने प्रदेश के मुखिया चाडा में रात्रि विश्राम करने पहुंचे थे उन्हीं से नहीं मिल सके। बैगाओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री की चौपाल के लिए वी आई पी पास जारी किया गया था। लेकिन गरीब अनपढ़ बैगाओं को इस बात की न तो पहले से जानकारी थी और न ही बाद में दी गई।
दूर—दूर से अपनी समस्याओं को लेकर अपने परिवार सहित चाडा पहुचे बैगा जनजाति के लोग अधिकारी और पुलिस के दुर्व्यवहार का शिकार हुए और निराश होकर देर रात घर वापस लौटे।
वहीं इस इस कार्यक्रम डिंडौरी के कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम सहित सभी मीडिया कर्मियों को बाहर कर दिया गया।
कहा जा रहा है कि दरअसल जिला प्रशासन को डर था कहीं बैगा बाहुल्य क्षेत्र की बड़ी समस्या मुख्यमंत्री के सामने आते ही मीडिया को जानकारी न लगे।
मुख्यमंत्री के द्वारा रात्रि में जो आदिवासी विचार विमर्श कार्यक्रम रखा गया था इसमें सभी बीजेपी के पदाधिकारी बड़ी मात्रा में शामिल हुए जिसमे बैगा आदिवासी कम ही देखे गए।
जब कार्यक्रम कवरेज की मनाही को लेकर मीडिया ने मुख्यमंत्री से सवाल किया तो उनका साफ़ कहना था की में इनसे गंभीर विषय में चर्चा करने आया हु जो आपको बाद में बता दूंगा। आखिर एसी कौन सी वजह थी जिसे मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन मीडिया से छुपाना चाह रहा ।
डिंडौरी के कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने आरोप लगाते हुए कहा है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने बैगा आदिवासियों की समस्याओ के लिए आदिवासी विचार विमर्श कार्यक्रम रखा है लेकीन इस कार्यक्रम में मुझे ही जाने से रोका गया जिससे यह प्रतीत होता है की ये आदिवासियों के साथ भेदभाव है साथी ही मीडिया को भी कार्यक्रम में नहीं जाने दिया गया ये बड़ा चिंता का विषय है।
सोनाराम बैगा का कहना है कि में अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर आदिवासी विचार विमर्श कार्यक्रम में पहुचा था लेकिन मुझे अन्दर नहीं जाने दिया गया।
मैं अपनी बात रखता वहा लेकिन मुझे धक्का मार कर भगा दिया गया। मुझे यह कहकर भगा दिया गया की तुम्हारे पास पास नहीं है।
लमतु बैगा का कहना है कि अन्दर नहीं जा पाए है बाहर से ही चलो चलो कहकर बाहर कर दिए। बहुत सारे बैगा है जिनको भगा दिया गया है।
कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने आरोप लगाते हुए कहा है कि विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने बैगा आदिवासियों की समस्याओ के लिए आदिवासी विचार विमर्श कार्यक्रम रखा है।
लेकिन इस कार्यक्रम में मुझे ही जाने से रोका गया जिससे यह प्रतीत होता है की ये आदिवासियों के साथ भेदभाव है साथी ही मीडिया को भी कार्यक्रम में नहीं जाने दिया गया ये बड़ा चिंता का विषय है।
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