Google Discover की दुनिया: कंटेंट क्रिएटर्स के लिए सबकुछ जो आपको जानना चाहिए

मीडिया            Jan 28, 2025


मिलिंद खांडेकर।

आजकल हर डिजिटल न्यूज रूम में एक ही सवाल गूंजता है: "हमारी खबरें Google Discover पर तो दिख रही हैं, लेकिन यूजर्स उन्हें पढ़ क्यों नहीं रहे?" मान लीजिए, आपने एक खबर लिखी है कि रोहित शर्मा सिडनी टेस्ट नहीं खेलेंगे. यह खबर आपको अपने Google Discover फीड पर दिख रही है, लेकिन जब आप Google Analytics या Chartbeat जैसे टूल्स में देखते हैं, तो उतने यूजर्स नजर नहीं आते, जितनी उम्मीद थी. इससे कई न्यूज रूम में निराशा पैदा होती है.

क्या आपको या आपके साथ काम करने वाले लोगों को ऐसा लगता है कि अगर कोई खबर Discover में दिख रही है, तो उसे बहुत सारे यूजर्स जरूर पढ़ेंगे? क्या आपके आस-पास ऐसे लोग हैं, जिन्हें लगता है कि उनकी खबरों में कोई गड़बड़ है, क्योंकि Discover में दिखने के बावजूद यूजर्स उन्हें नहीं पढ़ रहे? क्या वे इसके लिए टेक टीम या प्रोडक्ट टीम को दोषी ठहराते हैं कि वे जानबूझकर उनकी खबरों को कम दिखा रहे हैं, जिससे यूजर्स की संख्या कम हो रही है?

लेकिन ऐसा होना लगभग असंभव है. यह स्थिति अक्सर भ्रम पैदा करती है और न्यूज रूम में कंटेंट क्रिएटर्स, टेक टीम, और प्रोडक्ट टीम के बीच तनाव का कारण बनती है. डिजिटल चौपाल के इस न्यूज़लेटर में, हम समझेंगे कि Google Discover कैसे काम करता है और "इम्प्रैशन" और "क्लिक" के बीच का संबंध समझना क्यों जरूरी है. सबसे पहले जान लेते हैं कि..!

Google Discover कैसे काम करता है?

Google Discover एक पर्सनलाइज़्ड न्यूज फीड है, जो बिना किसी सर्च किए आपके लिए सही और दिलचस्प कंटेंट दिखाती है. Google Discover आपके सर्च हिस्ट्री, ऐप्स के इस्तेमाल, लोकेशन और अन्य फैक्टर को ध्यान में रखते हुए आपके लिए खबरें चुनता है.

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Google आपकी ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक करता है, जैसे:

आप किन वेबसाइटों पर जाते हैं,

किन ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं,

और किन चीजों को सर्च करते हैं.

इन जानकारियों के आधार पर, Google यह समझने की कोशिश करता है कि आपकी रुचियां (Search Habits) क्या हैं. यह आपके बारे में एक प्रोफ़ाइल बनाता है, जिसके आधार पर यह तय करता है कि आपको कौन-सी खबरें दिखाई जाएं. साथ ही, यह फीड लगातार अपडेट होती रहती है. इसका मतलब यह है कि अगर आपकी Search Habits में बदलाव होता है, तो आपकी फीड भी बदल जाएगी. गूगल डिस्कवर कैसे काम करता है, इसे समझने के पहले इम्प्रैशन और CTR को जानना बेहद जरूरी है.

इम्प्रैशन और CTR क्या होता है?

इम्प्रैशन: जब आपका आर्टिकल Google Discover में किसी यूजर की फीड में दिखता है, तो इसे इम्प्रैशन कहा जाता है.

क्लिक: जब कोई यूजर आपकी खबर या आर्टिकल पर क्लिक करता है और उसे पढ़ता है, तो इसे क्लिक कहा जाता है.

सीटीआर (CTR): क्लिक-थ्रू रेट (CTR) यह दर्शाता है कि कितने प्रतिशत लोगों ने आपका आर्टिकल देखकर उस पर क्लिक किया.

CTR = (क्लिक / इम्प्रैशन) × 100

उदाहरण: मान लीजिए, आपका आर्टिकल है, "सिडनी टेस्ट में भारत की हार के पांच कारण"

इसे Google Discover फीड में 1,000 इम्प्रैशन मिले.

इनमें से 100 लोगों ने उस पर क्लिक किया.

इसका CTR होगा: (100 / 1,000) × 100 = 10% CTR

अब मूल बात पर आते हैं कि Google Discover फीड में खबर दिखने/नहीं दिखने या क्लिक आने/नहीं आने के संभावित कारण क्या हो सकते हैं और इसका सोल्यूशन क्या है.

पहली कंडीशन: जब आपकी पर्सनल Google Discover फीड में खबर दिखे, लेकिन उस पर क्लिक न के बराबर हो. (यहां पर सीधे-सीधे कंटेंट क्रिएटर्स की भूमिका है, टेक/प्रोडक्ट/SEO की कोई जिम्मेदारी नहीं है.)

दरअसल, शुरुआत में बताया गया है कि गूगल डिस्कवर कैसे काम करता है. अगर आपने रोहित शर्मा पर कोई खबर लिखी है, तो जाहिर है कि इसके लिए आपने कुछ रिसर्च किया होगा. ऐसे में गूगल आपके सर्च पैटर्न को समझकर आपकी ही खबर को आपकी डिस्कवर फीड में दिखा सकता है. इसका यह मतलब नहीं है कि आपकी खबर बड़ी ऑडियंस (Larger Audience) को भी दिख रही है.

दूसरी कंडीशन: जब Google Discover पर खबर दिखे, लेकिन क्लिक कम क्यों आते हैं? (यहां पर भी सीधे-सीधे कटेंट क्रिएटर्स का रोल है टेक/प्रोडक्ट/SEO की कोई जवाबदारी नहीं है)

कल्पना कीजिए, आपने सिडनी टेस्ट में हार और रोहित शर्मा की टीम से गैरमौजूदगी पर एक बेहतरीन क्रिकेट रिव्यू लिखा है. आप चाहते हैं कि हर क्रिकेट फैन इसे पढ़े.

अब मान लेते हैं कि यह खबर Google Discover पर लाखों यूजर्स को दिखाई गई (Impression High). लेकिन जब आपने Google Analytics या Chartbeat पर देखा, तो पाया कि बहुत कम लोग ही आपकी खबर पर क्लिक (Low CTR) कर रहे हैं.

 Low CTR. ऐसा क्यों होता है?

  1. हेडलाइन पूरी कहानी कह देती है: अगर आपकी हेडलाइन में पूरी खबर का सार दिया गया है, तो लोग उस पर क्लिक नहीं करते. उदाहरण के लिए: "रोहित शर्मा खराब फॉर्म के चलते सिडनी टेस्ट से बाहर" यह हेडलाइन पूरी जानकारी दे देती है. जो भी यूजर इसे देखता है, उसे पूरी खबर पढ़ने की जरूरत महसूस नहीं होती.
  2. थंबनेल आकर्षक नहीं है: Google Discover पर थंबनेल (इमेज) बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर आपका थंबनेल पुराना, धुंधला, या कम आकर्षक है, तो यह यूजर्स को क्लिक करने के लिए प्रेरित नहीं करेगा.
  3. प्रतिस्पर्धा ज्यादा है: Discover फीड में बहुत सारा कंटेंट होता है. अगर किसी दूसरे आर्टिकल की हेडलाइन और थंबनेल आपके आर्टिकल से ज्यादा आकर्षक हैं, तो यूजर उस पर क्लिक करेगा.
  4. यूजर की प्राथमिकता: हो सकता है कि आपने जिस विषय पर लिखा है, वह विषय उस समय हर किसी की प्राथमिकता में न हो. जैसे, अगर रोहित शर्मा की टीम से गैरमौजूदगी पहले से खबरों में है, तो यह यूजर के लिए नई जानकारी नहीं होगी. अगर खबर पहले से Search Trends में है, तो उसमें कुछ नई जानकारी या गहराई जोड़ें. जैसे: "रोहित शर्मा के बाहर होने का असली कारण – एक्सपर्ट्स की राय

अपने कंटेंट को ट्रेंडिंग कीवर्ड्स और SEO रणनीतियों से ऑप्टिमाइज़ करें ताकि यह सही ऑडियंस तक पहुंचे.

यहां पर SEO या प्रोडक्ट आपकी इतनी मदद कर सकता है कि वह Google Search Console से आपको इम्प्रैशन और CTR की जानकारी शेयर करेगा.

अच्छा और यूनिक कटेंट होने के बावजूद क्लिक कम को तीन भागों में बांटकर देखना होगा. तीनों ही कंडिशन में क्लिक कम होने के तीन अलग-अलग कारण है.

तीसरी कंडीशन: अच्छा और यूनिक कटेंट होने के बावजूद Google डिस्कवर पर क्लिक कम (Part1) (यहां पर कटेंट क्रिएटर्स/SEO का रोल है).

ऐसा उस वक्त होता है जब आपके कंटेंट की क्वालिटी अच्छी होती है और वह Unique भी होता है, फिर भी Google Discover पर उसे पर्याप्त इम्प्रेशन और क्लिक नहीं मिलते. इसका मुख्य कारण कीवर्ड या टॉपिक अथॉरिटी की कमी हो सकती है.

कीवर्ड/टॉपिक अथॉरिटी क्या है?

कीवर्ड या टॉपिक अथॉरिटी का मतलब है किसी विशेष विषय या कीवर्ड पर आपकी वेबसाइट या कंटेंट की विश्वसनीयता और विशेषज्ञता. Google उन वेबसाइटों और कंटेंट को प्राथमिकता देता है जो किसी विशेष विषय पर आधिकारिक और विश्वसनीय मानी जाती हैं. मान लीजिए की आप सालभर क्रिकेट को कवर प्रमुखता से कवर नहीं करते है और अचानक आापने रोहित शर्मा के संन्यास पर बहुत सारा और क्वालिटी कटेंट जनरेट किया. फिर भी आपके कटेंट को डिस्कवर में इम्प्रैशन बहुत कम मिलेंगे.

कीवर्ड/टॉपिक अथॉरिटी की कमी के कारण Impact:

कम इम्प्रेशन: यदि आपकी वेबसाइट या कंटेंट किसी विषय पर अथॉरिटी नहीं है, तो Google Discover उसे कम यूजर्स को दिखाएगा, जिससे इम्प्रेशन कम होंगे.

कम क्लिक: जब इम्प्रेशन कम होंगे, तो स्वाभाविक रूप से क्लिक भी कम होंगे, भले ही कंटेंट कितना भी अच्छा क्यों न हो.

चौथी कंडीशन: अच्छा और यूनिक कटेंट होने के बावजूद क्लिक कम Part2 (Editorial/SEO)

मान लीजिए की रोहित शर्मा पर Search Trends काफी हाई है. ऐसे में आप रोहित शर्मा की जगह किसी और क्रिकेट की खबर पर फोकस कर रहे है, जिसमें यूजर्स का इंटरेस्ट कम है तो यूनिक कटेंट होने के बावजूद आपको ट्रैफिक कम मिलेगा. इसकी वजह

Search Volume: यदि किसी कीवर्ड पर सर्च वॉल्यूम कम है, तो उस पर Google Discover में इम्प्रेशन और क्लिक भी कम मिलेंगे.

Limited Users: कम सर्च वॉल्यूम वाले कीवर्ड्स को कम यूजर्स सर्च या पसंद करते हैं.

एल्गोरिदम प्राथमिकता: Google Discover उन टॉपिक्स को प्राथमिकता देता है जो अधिक यूजर्स की रुचि में हों.

ऑडियंस मैच: यदि कीवर्ड ट्रेंडिंग या व्यापक रुचि का नहीं है, तो वह सीमित ऑडियंस तक पहुंचता है.

पांचवी कंडीशन: अच्छा और यूनिक कटेंट होने के बावजूद क्लिक कम (Part3) (यहां पर Tech/Product/SEO/Editorial का रोल)

Google Discover पर किसी आर्टिकल का Performance केवल उसकी हेडलाइन या विषय पर निर्भर नहीं करता, बल्कि इसमें टेक्निकल पहलुओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अगर आपके आर्टिकल पर इम्प्रैशन कम हैं, तो इसके पीछे कुछ टेक्निकल कारण हो सकते हैं. गूगल कोर वेब वाइटल क्या है? क्यों है यह हर वेबसाइट के लिए जरूरी? इस पर विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक कीजिए.

वेबसाइट का धीमा लोडिंग टाइम (Slow Page Speed): Google Discover फीड में वेब पेज वही बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जो जल्दी लोड होते हैं. अगर आपकी वेबसाइट का पेज लोडिंग टाइम ज्यादा है, तो Discover उसे प्राथमिकता नहीं देगा.

उदाहरण: मान लीजिए, आपने एक आर्टिकल लिखा: "रोहित शर्मा के सिडनी टेस्ट से बाहर होने की Inside Story" अगर यह आर्टिकल 3-4 सेकंड से ज्यादा समय में लोड हो रहा है, तो Google इसे यूजर्स को नहीं दिखाएगा.

 मोबाइल फ्रेंडली न होना (Mobile-Friendly Issues): Google Discover मोबाइल-फर्स्ट इंडेक्सिंग पर काम करता है. अगर आपकी वेबसाइट मोबाइल पर सही से काम नहीं करती या डिजाइन रेस्पॉन्सिव नहीं है, तो आपका कंटेंट डिस्कवर में अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा.

उदाहरण: अगर आपका आर्टिकल मोबाइल पर सही से स्क्रॉल नहीं हो पा रहा है या टेक्स्ट बहुत छोटा है, तो Google इसे कम प्राथमिकता देगा.

सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट मोबाइल पर आसानी से पढ़ी जा सके.

Google के Mobile-Friendly Test टूल का इस्तेमाल करें.

कंटेंट की इंडेक्सिंग में समस्या (Indexing Issues): अगर आपका आर्टिकल Google द्वारा इंडेक्स नहीं किया गया है, तो वह डिस्कवर पर दिखेगा ही नहीं.

उदाहरण: मान लीजिए, आपने एक नया आर्टिकल लिखा और उसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश किया. लेकिन अगर आपने उसे Google Search Console में सबमिट नहीं किया है, तो Google उसे खोज नहीं पाएगा.

आर्टिकल पब्लिश करने के बाद Google Search Console में जाकर URL Inspection Tool से उसका इंडेक्स स्टेटस चेक करें. (SEO/Product/Tech)

साइटमैप सही तरीके से सबमिट करें. (SEO)

गूगल डिस्कवर से क्लिक आना केवल कंटेंट पर डिपेंड नहीं है. इसमें कटेंट क्रिएटर्स के साथ-साथ Tech/SEO/Product भी जुड़े हैं. फिर भी हमेशा की तरह कटेंट ही किंग है. यदि आपका कटेंट ही ठीक नहीं होगा तो बाकी के पैरामीटर कितने भी बेहतर हो, आपको कभी भी गूगल डिस्कवर पर Impression और Click नहीं मिलेंगे.

 


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