10570 संगठनों, 137396 स्वयंसेवकों ने 25 दिनों 800 समुद्रीय तटों की सफाई

राष्ट्रीय            Sep 29, 2022


प्रियंका सिंह राज।

पृथ्वी की सतह का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से आच्छादित है, और महासागरों में पृथ्वी के कुल जल का लगभग 96.5 प्रतिशत भाग है। समुद्र को प्रदूषुत करने का अर्थ ,धरती के जीवन को  नष्ट करना I

आंकड़ों के अनुसार अगर प्लास्टिक की बोतल और बैग जैसी एकल उपयोग जैसी वस्तुएं समुद्र में फेंकना बंद नहीं हुई, तो 2050 तक दुनिया के महासागरों में मछलियों की तुलना में प्लास्टिक ज्यादा होगी।

हर साल डेढ़ करोड़ टन से भी अधिक प्लास्टिक कचरा समुद्र में फेंका जाता है।

वैज्ञानिकों ने पाया है कि यह समुद्र के पारिस्थितिक तंत्र के साथ-साथ समुद्री जीवों को भी हानि पहुंचाता है। व्हेल मछली हो या फिर कोरल सभी की जिंदगी को खतरा है।

"स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर" अभियान एक 75-दिवसीय तटीय सफाई अभियान  जिसे 5 जुलाई को भारत के 7500 किमी लंबे समुद्र तट के साथ 75 समुद्र तटों को साफ करने के लिए शुरू किया गया था।

अभियान का समापन "अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस", 17 सितंबर 2022 को हुआ और अभियान के अंतिम पड़ाव में , लोगो ने इस अभियान में  समुद्र तटों की  साफ़ करने का बीड़ा  उठाया और 800 समुद्रीय तटो को साफ़ किया I

अभियान की गतिविधियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया था: पहले 25 दिनों में समुद्र और समुद्र तटों की स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करने का लक्ष्य रखा गया था।

अभियान, उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए ,सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल किया गया।

अभियान में कॉलेज जाने वाले, स्कूली छात्रों, एनएसएस, एनसीसी स्वयंसेवकों सहित युवाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

अभियान के अंतिम 25 दिनों में "कॉल टू एक्शन" पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसके तहत वैज्ञानिकों, सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाजों के सदस्यों और आम लोगों द्वारा समुद्र तट की सफाई की गतिविधियाँ की गईं।

विज्ञान प्रसार  और पृथिवी विज्ञानं मैत्रायलय के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अन्य तटीय अनुसंधान वैज्ञानिक ने अपने निर्दिष्ट समुद्र तटों का दौरा किया और समुद्र तट की सफाई गतिविधि और मेगा तटीय सफाई  कार्यक्रम सुनिश्चित किया ,ताकि 17 सितंबर को, लोगों की अधिकतम भागीदारी के साथ सुचारू रूप  निचित की जाये I

यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर  अभियान  सोशल मीडिया और अन्य मीडिया प्लेटफार्मों में एक व्यापक पदचिह्न चिह्नित कर सके,  पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पृथ्वी भवन में एक मीडिया कण्ट्रोल कक्ष स्थापित किया गया था।

"स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर"/"स्वच्छ तट सुरक्षित सागर," अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस हैशटैग और सोशल मीडिया पर उल्लेखों के साथ, राष्ट्रव्यापी प्रमुख तटीय सफाई अभियान पूरे जोरों पर था। हमने देखा, "वासुकी," "स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर" शुभंकर, और समर्पित "समुद्री योद्धा" समुद्र तट की सफाई की।

लोगो में स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान की उत्साही भागीदारी देखी गयी I यह अभियान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के हर हिस्से में पहुंचा।

'स्वच्छ सागर - सुरक्षित सागर' अभियान के माध्यम से तटीय जल, तलछट, बायोटा और तटरेखा जैसे विभिन्न मीट्रिक में वैज्ञानिक डेटा और समुद्री कचरे पर जानकारी एकत्र करने के लिए अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को बढ़ाने पर एक बड़ा जोर दिया गया था।

 जागरूकता फैलाने के लिए और आम लोगों के लिए 17 सितंबर 2022 को समुद्र तट की सफाई गतिविधि के लिए स्वेच्छा से संलग्न होने और पंजीकरण करने के लिए भारत में एक मोबाइल ऐप - "इको मित्रम" लॉन्च किया गया था।

डॉ जितेंद्र सिंह एक प्रेस वार्ता में डीप ओशन प्रोजेक्ट को प्रमुखता से प्रकाश डालते हुआ कहा “पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा डीप ओशन मिशन लॉन्च किया गया है।

डीप ओशन मिशन, भारत सरकार की ब्लू इकॉनमी पहल का समर्थन करने हेतु एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है। इससे पूर्व पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने ब्लू इकॉनमी पॉलिसी का मसौदा भी तैयार किया गया था I ब्लू इकॉनमी आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और रोज़गार एवं स्वस्थ महासागर पारिस्थितिकी तंत्र के लिये समुद्री संसाधनों का सतत् उपयोग है।

अभियान के अंतिम दिन में  केंद्रीय मंत्री पृथिवी विज्ञान,  डॉ जीतेन्द्र सिंह जी ने कहा  कि "स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर जन आंदोलन बना"। युवाओं, छात्रों और विभिन्न क्षेत्रों से अपार भागीदारी के साथ, स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान  यह एक स्वर में समुद्र को  पुनः जीवन दान के दिशा में कार्यरथ है I

पृथिवी विज्ञान मंत्रालय के विशिष्ट वैज्ञानिक  डॉ ओ पी मिश्रा , एक विशेष साक्षात्कार में कहा " जब भी प्रदुषण से निपटने की बात आती  है ,अधिकांश प्रयास, वायु  प्रदूषण से निपटने के प्रयास में नज़र आते हैं।

समुद्र  में बढ़ाता प्रदुषण एक गंभीर समस्या है. जिससे निपटने के लिए ,सामुदायिक प्रयासों  की आवश्यकता है । पूर्ण जीवित हो सके I

डॉ. एम.वी. रमण मूर्ति, वैज्ञानिक ,एवं निदेशक, राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र  ने एक साक्षात्कार में कहा कि स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुआ कहा " आने वाली पीढ़ियों के लिए समुद्र के संरक्षण बहुत ज़रूरी है I

डॉ नकुल पराशर , विज्ञान प्रसार ने इस अभियान से जुड़ते हुआ कहा  "यह अभियान समुद्री जीवन खतरे से निपटने के एकमात्र उद्देश्य के साथ चला ।

इसने मुख्य रूप से प्लास्टिक के उपयोग को कम करने,  तटीय स्रोत पर कचरे को अलग करने और अपशिष्ट प्रबंधन और समुद्री कचरे को कम करने के लिए सार्वजनिक भागीदारी पर ध्यान केंद्रित किया गया ।

इस अभियान के माध्यम से समुद्री परिवर्तन की लहर लाई गई और भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण, समुद्री कचरे और महासागरों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्थानीय लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।भारतीय तटरक्षक द्वारा चलाया गया “पुनीत सागर अभियान” ने लोगो को सागर की रक्षा और स्वस्थ सागर की आवश्यकता को समझाई  I

यह अभियान लोगों को तटीय स्वच्छता के महत्व और समुद्र तटों को साफ-सुथरा रखने के महत्व से अवगत कराने में सफल रहा है। इसने लोगों में व्यवहार परिवर्तन और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करने में मदद की।

कुल 10570 संगठन शामिल थे जिनमें 137396 स्वयंसेवकों ने 836 समुद्र तटों को कवर किया और 1500 टन समुद्री कूड़े का संग्रह किया।

हर प्रयास मायने रखता है, और इसलिए हम में से प्रत्येक का योगदान आवश्यक है। हालांकि अभियान स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर 17 सितंबर को समाप्त हुआ, लेकिन एक नए युग की शुरुआत हुई है- तटीय स्वच्छता का युग।

लेखक एक स्वतंत्र पत्रकार, शोधकर्ता और भारत सरकार, विज्ञान प्रसार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, में मीडिया अधिकारी हैं। वह स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान कि  प्रभारी थीं I

 



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