मल्हार मीडिया डेस्क।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में सिर्फ गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय ही शामिल है. डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह संकेत मिले हैं.
अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक्सपर्ट्स से अंतिम राय के लिए सलाह लेगी. सूत्रों ने एक समाचार चैनल को बताया कि अभी तक बलात्कार और हत्या में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है.
सूत्र ने कहा, ”सीबीआई किसी भी कमी को दूर करना चाहती है, इसलिए एम्स के विशेषज्ञों से डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट पर अंतिम राय मांगी जाएगी.” पीड़िता के परिवार ने गैंगरेप की आशंका जताई थी. हालांकि, 20 अगस्त को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “यह सामूहिक बलात्कार नहीं था, कोई फ्रैक्चर नहीं था, किसी जल्दबाजी में अंतिम संस्कार नहीं किया गया था और शव परीक्षण की वीडियोग्राफी की गई थी. 12 घंटे के भीतर हत्यारा पकड़ लिया गया और मामले की कमान सीबीआई के पास है.”
बीते 9 अगस्त को अस्पताल परिसर में रहस्यमय परिस्थितियों में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला था. घटना के अगले दिन ही 10 अगस्त को संजय रॉय को कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश देने के बाद आरोपी को सीबीआई के हवाले कर दिया गया. इस मामले को लेकर कोलकाता व देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
6 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में है संजय रॉय
बीते 23 अगस्त को कोलकाता की एक अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. संजय रॉय को 23 अगस्त की दोपहर कड़ी सुरक्षा के बीच मध्य कोलकाता के सियालदह में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत में पेश किया गया.
मामले की सुनवाई नियमित अदालत कक्ष के बजाय, एसीजेएम के कक्ष में की गई। वहां किसी को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी. कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस उपायुक्त रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी कमरे के बाहर मौजूद थे.
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