मल्हार मीडिया ब्यूरो।
आज चैन्नई में भारत सरकार द्वारा रेरा एक्ट के क्रियान्वयन में तेजी और सुधार करने की दृष्टि से द्वितीय क्षेत्रीय काम्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें दक्षिण भारत के राज्यों विभिन्न यथा तेलंगाना, आध्रप्रदेश, सहित केरला, पांडिचेरी के राज्यों के रेरा-प्राधिकरण के चैयरमैन केन्द्रीय व संबंधित राज्य शासन के अधिकारियों, के्रडाई व नारेडको के प्रतिनिधियों ने रियल एस्टेट ऐजेन्ट संध, गृह आवास संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
भारत सरकार की ओर से कान्फ्रेंस में रेरा विशेषज्ञ के रूप में म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के चैयरमैन अॅटोनी डिसा ने भाग लिया। काम्फ्रेंस में मुख्यतः इस विषय पर विचार किया गया कि रेरा एक्ट का क्रियान्वयन किस प्रकार बेहतर किया जाये, ताकि आवंटियों को तेजी से लाभ देने के साथ-साथ रियल स्टेट सेक्टर को भी प्रोत्साहित किया जा सके ।
ज्ञातत्व है कि भारत सरकार ने रेरा एक्ट के क्रियान्वयन में भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के चैयरमैन श्री डिसा की अग्रणी भूमिका को देखते हुये उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता का दर्जा देकर उनसे अन्य भू-संपदा विनियामक प्राधिकरणों को मार्गदर्शन दिये जाने की अपेक्षा की हैं।
कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये श्री डिसा ने बताया कि रेरा एक्ट के क्रियान्वयन में सभी संबंधित हितकारी पक्षकारों यथा आवंटियों, एजेन्टों, बिल्डर इत्यादि का सक्रिय सहयोग लिया जाना जरूरी है। जिनके लिये जागरूकता सेशन आयोजित किये जा सकते हैं। साथ ही जहां आवंटियों से प्राप्त शिकायतों का त्वरीत निवारण जरूरी है, वहीं प्रारम्भ में प्रगतिरत व नवीन सभी प्रोजेक्टस का रेरा में पंजीयन भी अभियान चलाकर किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि पंजीकृत होने के बाद आवंटियों की समस्या का निराकरण करना आसान हो जाता है। शिकायतों का निराकरण करते वक्त रेरा एक्ट के दोनों उद्देश्यों का ध्यान रखना जरूरी है। जिससे आवंटियों की समस्या भी सुलझे तथा रियल एस्टेट सेक्टर भी प्रोत्साहित हो।
रेरा एक्ट के प्रति अनुकुल माहोल बनाने के साथ प्रदेश के विभिन्न अंचलों में रेरा प्राधिकरण को अपनी पहुंच एवं उपस्थिति का प्रदशन किया जाना आवश्यक है ताकि वहां निवासरत पक्षकारों को सुविधा हो सकें।
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