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भारत बंद में किसानों ने पैदल मार्च, महिलाएं भी हुईं शामिल

राष्ट्रीय            Feb 16, 2024


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

आज भारत बंद को लेकर ग्रेटर नोएडा में किसानों ने पैदल मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया। भारी संख्या में किसान इकट्ठे हुए किसानों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ काफी आक्रोश दिखाई दिया। वहीं भारत बंद का समर्थन करते हुए प्रदर्शन में महिलाएं और किसान भारी संख्या में शामिल रहे।

किसानों ने अल्फा वन गोल चक्कर से परी चौक तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए बाहरी पुलिस बल मौके पर तैनात रही। किसानों के भारत बंद के आह्वान के बाद ग्रेटर नोएडा में भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने देशव्यापी बंद को समर्थन दिया। इस दौरान किसानों ने ग्रेटर नोएडा में भारी संख्या में इकट्ठे होकर एक जुलूस निकाल कर पैदल मार्च कर भारत बंद आंदोलन को समर्थन दिया।

ग्रेटर नोएडा में भारी संख्या में किसान और महिलाओं ने पैदल मार्च जुलूस में हिस्सा लिया। इस दौरान परी चौक पर भारी जाम लग गया। जहां एक तरफ देश में किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और शुक्रवार को देशव्यापी बंद का किसानों ने ऐलान किया था। किसानों के देशव्यापी बंद को समर्थन देते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरना दे रहे किसानों ने भी जुलूस पैदल मार्च निकाला।

18 फरवरी तक का मिला है आश्वासन

किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि पूरे देश में किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो रही है इसीलिए किसान सभा के द्वारा बीते 8 फरवरी को जबरदस्त आंदोलन किया गया था। जिसके परिणाम में किसानों के मुद्दे पर उच्च स्तरीय शासन की कमेटी बनाने का 18 फरवरी तक आश्वासन दिया गया है। किसान नेता रोहित बैसोया ने कहा कि किसानों को अधिग्रहण भूमि के एवज में मिलने वाले 10% आवासीय भूखंड जब बूझकर नहीं दिए जा रहे हैं।

मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा धरना

प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की समस्याओं को उलझा रखा है इसीलिए किसानों ने अब तय किया है कि अबकी बार आर-पार करके ही छोड़ेंगे। वहीं किसान नेता कृष्ण ने कहा कि शुक्रवार को भारत बंद के ऐलान के बाद ग्रेटर नोएडा के किसानों ने भी जुलूस पैदल मार्च निकालकर आंदोलन को अपना समर्थन दिया। प्रदर्शन के लिए किसान व महिलाएं भारी संख्या में इकट्ठा हुए और उसके बाद अल्फा वन गोल चक्कर से परी चौक तक पैदल मार्च निकाला। किसानों का कहना है कि जब तक प्राधिकरण किसानों की सभी मांगों को पूरा नहीं करता तब तक उनका यह धारणा लगातार जारी रहेगा।

 


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