मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि रोजगार निर्माण करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। निवेश से रोजगार आयेगा। रोजगार के लिये सुविचारित कौशल विकास आवश्यक है।
इसलिये राज्य सरकार नये क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के साथ रोजगारन्मुखी कौशल विकास नीति पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री आज यहाँ भारतीय उद्योग परिसंघ के वार्षिक सत्र 2018-19 में उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों से 'मध्यप्रदेश के सतत् औद्योगिक विकास के लिए स्थानीय रणनीतियाँ' विषय पर अपने विचार साझा कर रहे थे।
प्रदेश में भरपूर बौद्धिक और उद्यमशील प्रतिभाएँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में बौद्धिक क्षमताओं और उद्यमशील स्वभाव वाली प्रतिभाएँ भरपूर हैं। इन्हें अनुकूल वातावरण और अवसर चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अवसरों के साथ चुनौतियाँ भी हैं। चुनौतियों से निपटने के लिये सरकार तैयारी कर रही है।
श्री नाथ ने कहा कि विश्व में भारत सबसे बड़ी महत्वाकांक्षी सोसायटी बन गया है। मध्यप्रदेश भी अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी की सोच-समझ पूरी तरह से भिन्न है। दुनिया में हो रहे बदलाव के साथ युवाओं के महत्वाकांक्षी समूह पर भी ध्यान देना होगा।
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की रणनीति पर काम जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रत्येक आर्थिक गतिविधि रोजगार की संभावनाएँ पैदा करती हैं। इसलिए आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने की रणनीति पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म और लघु आर्थिक गतिविधियाँ भले ही सकल घरेलू उत्पाद में योगदान के हिसाब से कम महत्वपूर्ण आंकी जाती हों, लेकिन रोजगार निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी की दुनिया में जितनी तेजी से परिवर्तन हो रहा है, उतनी ही तेजी से उद्योगों को भी बदलने की आवश्यकता है। प्रौद्योगिकी के साथ कदमताल करते हुए ही उद्योग अपना अस्तित्व बनाए रख सकते हैं। श्री नाथ ने कहा कि विश्व स्तर पर होने वाले परिवर्तनों का स्वरूप भी अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में पहले उत्पादन एक समस्या थी, अब ज्यादा उत्पादन चुनौती बन गया है। अधिक उत्पादन को सहेजने के लिए अब नयी रणनीतियाँ बनानी पड़ रही हैं।
निवेशकों को पूरा सहयोग देंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को पूरा सहयोग दिया जाएगा। नये क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएँ देखते हुए स्कूल और कॉलेज - शिक्षा की व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण परिवर्तन किया जाएगा ताकि विद्यार्थी उद्योगों के लिए जरूरी कौशल सीखने के लिए प्रेरित हों। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अब ऊर्जा भण्डारण का नया क्षेत्र सामने आया है। चीन जैसे देश इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे है। ऐसे परिवर्तनों पर ध्यान देते हुए कौशल विकास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन का क्षेत्र तेजी से सामने आया है। इसमें विस्तार और रोजगार की अनंत संभावनाएँ हैं। रोजगार निर्माण के लिए नई सोच और रणनीति की जरूरत है। नए क्षेत्रों को पहचानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केवल प्रशिक्षण देना काफी नहीं है। यदि प्रशिक्षण से रोजगार नहीं मिलता है, तो तत्काल रणनीति बदलने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा है कि भविष्य में निर्माण उद्योग पर ध्यान दिया जाएगा क्योंकि निर्माण क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएँ ज्यादा हैं और सेवा क्षेत्र की अपनी सीमाएँ हैं।
भोपाल में जल्द खुलेगा कौशल विकास केन्द्र
भारतीय उद्योग परिसंघ के वेस्टर्न रीजन के अध्यक्ष पिरूज खम्बाटा ने बताया कि भोपाल में जल्दी ही उद्योग परिसंघ कौशल विकास केन्द्र खोलने जा रहा है। अन्य जिलों में भी जल्दी ही आदर्श कौशल विकास केन्द्र खोले जाएंगे। इस अवसर पर विभिन्न उद्योग समूह के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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