मल्हार मीडिया भोपाल।
लंबी कश्मकश और जद्ददोजहद के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस ने आखिरकार मुख्यमंत्री के नाम की औपचारिक घोषणा कर ही दी।
विधायक दल की बैठक में तय हुआ कि छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। राहुल ने गांधी ने उनके नाम पर अपनी मुहर लगा दी है।
आधी रात को पीसीसी के दफ्तर में हुई विधायक दल की बैठक के बाद पर्यवेक्षक ए के अंटोनी ने कमलनाथ के नाम का ऐलान मुख्यमंत्री के रूप में किया।
ज्ञातव्य है कि बुधवार की शाम हुई विधायक दल की बैठक में कमलनाथ के नाम पर सहमति बन गयी थी लेकिन, कांग्रेस की परंपरा के मुताविक फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया गया।
तय कार्यक्रम के हिसाब से राहुल को सुबह अपनी मुहर लगानी थी लेकिन, दिल्ली में कमलनाथ और सिंधिया के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर दिन भर खींचतान चली।
जिसकी वजह से रात 9 बजे फैसला तक हो पाया। उसके बाद कमलनाथ ,अंटोनी,दीपक बाबरिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल लौटे।
सभी नेता रात को 11 बजे पीसीसी के दफ्तर पहुंचे और विधायक दल की बैठक शुरू हुई। इससे पहले दोपहर से ही पीसीसी के बाहर शक्ति प्रदर्शन चलता रहा।
चूंकि दिल्ली में देर हो रही थी इसलिये विधायकों की बैठक टलती रही। पहले चार बजे बैठक होनी थी। बाद में आधा—आधा घंटा समय बढ़ाया जाता रहा।
आखिर में रात 11 बजे बैठक हुई।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहे और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी मौजूद थे।
दिन में कई बार ऐसे हालात बने कि सिंधिया और कमलनाथ के समर्थक आपस में भिड़ते नजर आए। सिंधिया के समर्थक कल से ही दबाव बना रहे थे,लेकिन कोई अप्रिय घटना नही हुई।
कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कमलनाथ ने कहा यह पद मेरे लिये मील का पत्थर। 13 दिसम्बर को इंदिरा जी छिन्दवाड़ा आयीं थी। मुझे जनता को सौंपा था। ज्योतिरदित्य का धन्यवाद जो मेरा समर्थन किया। इनके पिताजी के साथ मेने काम किया। इसलिए इनके समर्थन पर ख़ुशी।अगला समय चुनौती का। हम सब मिलकर हमारा वचन पत्र पूरा करेंगे।
मुझे पद की कोई भूख नहीं। मेरी कोई माँग नहीं थी। मेने अपना पूरा जीवन बिना किसी पद की भूख के कांग्रेस पार्टी को समर्पित किया।
मैंने संजय गांधी जी, इंदिरा जी, राजीव जी के साथ काम किया था और अब राहुल गांधी के साथ काम कर रहा हूँ।
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