मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मणिपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, एनपीपी ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। नेशनल पीपुल्स पार्टी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखी है, उसमें राज्य में बढ़ती हिंसा का जिक्र किया गया है। जोर देकर बोला गया है कि तमाम प्रयासों के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं, ऐसे में समर्थन वापस लेने का फैसला हुआ है।
जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर में बीजेपी के पास अपने दम पर बहुमत है, ऐसे में अगर एनपीपी के सात विधायक अपना समर्थन वापस भी लेते हैं, उस स्थिति में भी सरकार पर कोई खतरा नहीं आने वाला है। लेकिन बड़ी बात यह है कि एनडीए दल अब मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अलग हो रहे हैं, बीजेपी के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
एनपीपी ने जो चिट्ठी लिखी है, उसकी एक बड़ी बात यह भी है कि मणिपुर की अस्थिरता के लिए सीधे-सीधे सीएम एन बीरेन सिंह को जिम्मेदार बताया गया है। चिट्ठी में कहा गया है कि हम मणिपुर की कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करना चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों में हमने हालात और बिगड़ते हुए देखे हैं, कई लोगों की मौत हुई है। हमारी पार्टी मानती है कि सीएम बीरेन सिंह का नेतृत्व मणिपुर संकट का समाधान नहीं कर पा रहा है।
मणिपुर में कैसे बिगड़ते गए हालात जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ महीनों में फिर मणिपुर की स्थिति विस्फोटक हो गई है। ना सिर्फ हिंसा में बढ़ोतरी देखने को मिली है, इसके अलावा कई लोगों की जान भी गई है। इस समय बिगड़ते हालात की वजह से कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है, इंटरनेट भी सस्पेंड चल रहा है। इसके ऊपर केंद्र सरकार को कुछ जिलों में AFSPA भी वापस लगाना पड़ा है।
नेशनल पीपुल्स पार्टी ने बाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जपी नड्डा का एक चिट्ठी लिखा है, उसमें राज्य में बढ़ती हिंसा का जिक्र किया गया है। जोर देकर बोला गया है कि तमाम प्रयासों के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं, ऐसे में समर्थन वापस लेने का फैसला हुआ है। क्या गिर जाएगी मणिपुर में बीजेपी सरकार? जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर में बीजेपी के पास अपने दम पर बहुमत है, ऐसे में अगर एनपीपी के सात विधायक अपना समर्थन वापस भी लेते हैं, उस स्थिति में भी सरकार पर कोई खतरा नहीं आने वाला है। लेकिन बड़ी बात यह है कि एनडीए दल अब मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अलग हो रहे हैं, बीजेपी के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
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