दस्तावेज देखने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल मानदंड क्या है?

राष्ट्रीय            Nov 24, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों पर सवाल उठाए.

पीठ ने पूछा, "बिजली की तेजी से चुनाव आयुक्त की नियुक्ति क्यों? चौबीस घंटे के भीतर ही नियुक्ति की सारी प्रक्रिया कैसे पूरी कर ली गई?

किस आधार पर कानून मंत्री ने चार नाम को शॉर्टलिस्ट किया?

इन सवालों पर केंद्र सरकार ने कहा, तय नियमों के तहत नियुक्ति की गई. हालांकि, नियुक्ति की प्रक्रिया पर सरकार के जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ.

केंद्र सरकार ने पीठ को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति की फाइल दी.

केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल (AG) आर वेकेंटरमणी ने फाइलें जजों को सौंपी. अटॉर्नी जनरल ने कहा, "मैं इस अदालत को याद दिलाना चाहता हूं कि हम इस पर मिनी ट्रायल नहीं कर रहे हैं." इस पर जस्टिस जोसेफ ने कहा, "नहीं..नहीं, हम समझते हैं".

इसके बाद अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने पूरी प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विधि और न्याय मंत्रालय ही संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाता है. फिर उनमें से सबसे उपयुक्त का चुनाव होता है. इसमें प्रधानमंत्री की भी भूमिका होती है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में इतनी जल्दबाजी क्यों? इतनी सुपरफास्ट नियुक्ति क्यों?"

 जस्टिस जोसेफ ने कहा, "18 तारीख को हम मामले की सुनवाई करते हैं. उसी दिन आप फाइल पेशकर आगे बढ़ा देते हैं, उसी दिन पीएम उनके नाम की सिफारिश करते हैं. यह जल्दबाजी क्यों?"

जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा, यह वैकेंसी छह महीने के लिए थी. फिर जब इस मामले की सुनवाई अदालत ने शुरू की तो अचानक नियुक्ति क्यों?

बिजली की गति से नियुक्ति क्यों? जस्टिस अजय रस्तोगी ने इतनी तेज रफ्तार से फाइल आगे बढ़ने और नियुक्ति हो जाने पर सवाल उठाए और कहा, "चौबीस घंटे में ही सब कुछ हो गया. इस आपाधापी में आपने कैसे जांच पड़ताल की?"

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वो सभी बातों का जवाब देंगे, लेकिन अदालत उनको बोलने का मौका तो दे.

 

जस्टिस जोसेफ ने कहा, "हम वास्तव में ढांचे को लेकर चिंतित हैं.

रखी गई सूची के आधार पर आपने 4 नामों की सिफारिश की है. ये बताइए कि कानून मंत्री ने नामों के विशाल भंडार में से ये नाम कैसे चुने?"

कोर्ट ने पूछा, "विधि और न्याय मंत्रालय ने वो चार नाम किस आधार पर चुने? उन चार में से सही का चुनाव आपने कैसे किया? जस्टिस जोसेफ ने कहा, "हम सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया से अधिक चिंतित हैं.

चयन प्रक्रिया का क्या मापदंड है, जिसका पालन किया गया. अगर इसे ध्यान से चुना गया है तो यह केवल यस मैन की बात होगी.

आपको निष्पक्ष रूप से बताना चाहिए कि चुने गए व्यक्ति का अकादमिक रिकॉर्ड शानदार है और वह गणित में स्वर्ण पदक विजेता है, लेकिन इस पद के लिए स्वतंत्रता की आवश्यकता है.

जस्टिस जोसेफ ने कहा, "हमें बताएं कि कैसे कानून और न्यायमंत्री डेटा बेस से इन 4 नामों को चुनते हैं और फिर प्रधानमंत्री नियुक्ति करते हैं? आपको हमें बताना होगा कि मानदंड क्या है?

जस्टिस बोस ने कहा, "ये स्पीड हैरान करने वाली है.

 



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