मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अंतिम संस्कार शनिवार 28 दिसंबर 2024 को सुबह 11:45 बजे निगमबोध घाट पर होगा. उनका पार्थिव शरीर शनिवार सुबह पार्टी मुख्यालय में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और फिर वहीं से सुबह साढ़े नौ बजे उनकी अंतिम यात्रा भी शुरू होगी. उनका गुरुवार को 92 साल की उम्र में एम्स में निधन हो गया.
तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सरकार ने निर्णय लिया है कि डॉ. मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर निगमबोध घाट, नई दिल्ली में होगा.”
जारी बयान के अनुसार रक्षा मंत्रालय से सिंह का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ करने के लिए प्रबंध किए जाने का अनुरोध किया गया है. इस बीच, कांग्रेस ने केंद्र से मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने की मांग की है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बाबत पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं तथा अन्य हस्तियों ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
तिरंगे में लिपटे पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके आवास ‘3 मोतीलाल नेहरू मार्ग’ पर फूलों से सजे ताबूत में रखा गया, जहां दलगत भावना से ऊपर उठकर नेताओं ने दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि दी. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे.
मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. उनकी गिनती देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी. मनमोहन सिंह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे. हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था. उन्होंने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी.
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह और मां का नाम अमृत कौर था. उन्होंने साल 1958 में गुरशरण कौर से शादी की थी. उनकी तीन बेटियां भी हैं, जिनका नाम उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह हैं.
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