मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पर्यटन मंत्रालय, भारत के आध्यात्मिक स्थलों सहित वैश्विक पर्यटन बाजार में भारत की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न बाजारों में भारत को एक समग्र गंतव्य के रूप में प्रचारित करता है। इन उद्देश्यों को एक एकीकृत विपणन और प्रचार रणनीति और यात्रा व्यापार, राज्य सरकारों और विदेशों में भारतीय मिशनों के सहयोग से एक समन्वित अभियान के माध्यम से पूरा किया जाता है। सरकार निरंतर उद्योग विशेषज्ञों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ चर्चा करती है और भारत के विभिन्न पर्यटन उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए उनके सुझाव और प्रतिक्रिया लेती है।
पर्यटन मंत्रालय ने नवनिर्मित अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल (www.incredibleindia.gov.in) पर अतुल्य भारत कंटेंट हब जारी किया है। अतुल्य भारत कंटेंट हब उच्च गुणवत्ता वाली छवियों, फिल्मों, ब्रोशर और समाचार पत्रों का एक व्यापक डिजिटल संग्रह है, जिसे दुनिया भर में उद्योग के हितधारकों (यात्रा मीडिया, टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट) द्वारा आसानी से देखा जा सकता है, जिन्हें अपने सभी विपणन और प्रचार प्रयासों में अतुल्य भारत को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। नए सिरे से तैयार किए गए अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल का उद्देश्य पर्यटक केंद्रित, वन-स्टॉप डिजिटल समाधान होना है, जिसे भारत आने वाले आगंतुकों के लिए यात्रा के अनुभव को प्रोत्साहन देने के लिए तैयार किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय घरेलू संवर्धन और प्रचार (डीपीपीएच), स्वदेश दर्शन, तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद) पर राष्ट्रीय मिशन और पर्यटन अवसंरचना विकास योजनाओं के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता की अपनी योजनाओं के तहत राजस्थान और मध्य प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों सहित पर्यटन के संवर्धन और विकास के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया रूप दिया है, जिसका उद्देश्य गंतव्य और पर्यटन केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए दीर्घकालीन और उत्तरदायी पर्यटन स्थलों को विकसित करना है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य में पर्यटन अवसंरचना विकास योजनाओं के लिए डीपीपीएच, स्वदेश दर्शन, एसडी 2.0, प्रसाद और केंद्रीय एजेंसियों को सहायता के अंतर्गत स्वीकृत धनराशि का विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।
चिन्हित स्थलों पर परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव संबंधित राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा तैयार किए जाते हैं। परियोजनाओं की समीक्षा और स्वीकृति एक सतत प्रक्रिया है और यह योजना के दिशा-निर्देशों में निर्धारित प्रक्रियाओं और आवश्यकताओं के अनुसार की जाती है।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह जानकारी आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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