मल्हार मीडिया ब्यूरो।
देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 18 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 76.694 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 47 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 92 प्रतिशत तथा पिछले 10 वर्षो के औसत जल संग्रहण का 92 प्रतिशत है। 11 जनवरी को समाप्त सप्ताह के अंत में यह 50 प्रतिशत था। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार, इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 161.993 बीसीएम है, जो समग्र रूप से देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 257.812 बीसीएम का लगभग 63 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में 37 जलाशय ऐसे हैं, जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं।
बयान के अनुसार, उत्तरी क्षेत्र के हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 8.39 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 47 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 41 प्रतिशत थी।
बयान के अनुसार, पूर्वी क्षेत्र के झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 12.91 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 69 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 74 प्रतिशत थी।
बयान में कहा गया है कि पश्चिमी क्षेत्र के गुजरात तथा महाराष्ट्र में 31.26 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 15.39 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 49 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 56 प्रतिशत थी।
इसी तरह मध्य क्षेत्र के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 19.03 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 45 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 68 प्रतिशत थी।
बयान में कहा गया है कि दक्षिणी क्षेत्र के आंध्र प्रदेश (एपी), तेलंगाना (टीजी), एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 20.98 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 41 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 30 प्रतिशत थी।
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है, उनमें हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बराबर है, उनमें आंध्र प्रदेश शामिल है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण कमतर है उनमें पंजाब, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना शामिल हैं।
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