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आखिर क्यों जंजीर से बांधकर डिपॉट किया गया भारतीयों को

राष्ट्रीय            Feb 06, 2025


 मल्हार मीडिया डेस्क।

अमेरिका से वापस भेजे गए अवैध प्रवासी भारतीयों में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले का गुरप्रीत सिंह भी शामिल है। पूरनपुर निवासी गुरप्रीत सिंह को दिल्ली से लेकर आई पुलिस टीम ने पूछताछ के बाद परिजन को सौंप दिया। कर्ज लेकर 22 लाख रुपये खर्च कर डंकी के जरिए अमेरिका पहुंचे गुरप्रीत को अमेरिका की सीमा में प्रवेश करते ही अमेरिकी फोर्स ने पकड़ लिया। 22 दिन तक अमेरिका में डिटेंशन कैंप में रखने के बाद वापस भारत भेज दिया।

गांव बंजरिया निवासी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि स्टडी वीजा पर सितंबर 2022 में 15 लाख रुपये खर्च कर नगर में आईलेट सेंटर चलाने वाले संचालक के माध्यम से इंग्लैंड गया था। इंग्लैंड में स्टडी वीजा पर विदेश भेजने वाले से छह महीने की फीस जमा करना तय हुआ था, लेकिन उसने दो महीने की फीस नहीं जमा की। इस वजह से इंग्लैंड में उसे स्कूल से निकाल दिया गया। इसके बाद मजदूरी कर इंग्लैंड में रहता रहा। इस दौरान वीजा की अवधि समाप्त हो गई। इसके बाद भी रिस्क पर इंग्लैंड में रहता रहा।

उसने इंग्लैंड से कनाडा, आस्ट्रेलिया के वर्क वीजा की कोशिश की। इंग्लैंड में भारत के रहने वाले एक व्यक्ति से उसकी मुलाकात हुई। उसने डंकी रूट से उसे अमेरिका तक पहुंचाने का वादा किया। इसके लिए उसके भाई ने कर्ज लेकर 22 लाख रुपये का इंतजाम कराया। डंकी रूट से अमेरिका भिजवाने वाले ने दिसंबर 2024 को उसे स्पेन का टूरिज्म वीजा दिलाया।

स्पेन से मैक्सिको होते हुए उसे कई किलोमीटर बीहड़, सुनसान, जंगल के रास्तों से कई किलोमीटर पैदल चलाया गया। डंकी रूट से अमेरिका भेजने वालों ने उसका मोबाइल बंदूक के बल पर छीनकर फोड़ दिया। 13 जनवरी 25 को अमेरिका सीमा में पहुंचा दिया गया। अमेरिका सीमा में घुसते ही उसे वहां की सेना ने पकड़ लिया।

22 दिन तक अमेरिका में डिटेंशन कैंप में रखा गया। इसके बाद गलत ढंग से अमेरिका में घुसे भारत के लोगों की सूची के अनुसार सभी को हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां लगाकर जहाज से गोवान और वहां से अमृतसर हवाई जहाज से लाया गया। गुरप्रीत ने बताया कि इस दौरान उसे खाने को तो दिया गया, लेकिन 22 दिन नहाने तक नहीं दिया गया।

अमेरिकी सैनिकों का व्यवहार अच्छा, डर के चलते लगाई थीं बेड़ियां

गुरप्रीत सिंह ने बताया पकड़े जाने के बाद अमेरिकी सैनिकों का हरियाणा को छोड़कर अन्य लोगों के प्रति व्यवहार ठीक था। हरियाणा के लोगों की बोली को लेकर सैनिक उनको असभ्य बता रहे थे। बताया कि हाथों और पैरों में हथकड़ी इस वजह से लगाई गई कि सैनिकों की संख्या कम थी। पकड़े गए लोग कहीं उन पर हमला न कर दें।

घर पर रिश्तेदारों का लगा तांता, बेटे से मिलने को आतुर थी मां

गुरप्रीत ने 22 दिन पहले अपने सेना में तैनात भाई को फोन कर अमेरिका पहुंचने की जानकारी दी थी। इसके बाद उसका संपर्क परिजन से नहीं हो रहा था। पुत्र से बात न होने पर उसकी मां जसविंदर कौर परेशान थीं। बुधवार को जब उसके अमेरिका में पकड़े जाने और उसे भारत वापस लाने की जानकारी हुई। तब से जसविंदर कौर दुखी थीं। बृहस्पतिवार को गुरप्रीत के घर लौटने की जानकारी पर उसके घर रिश्तेदारों, करीबियों की भीड़ लगी।

बेहद मायूस नजर आए पिता-पुत्र

15 लाख रुपये खर्च कर इंग्लैंड और 22 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका डंकी रूट से पहुंचा गुरप्रीत वापस खाली हाथ भारत लौटने पर मायूस दिखा। पिता गुरमीत भी मायूस और दुखी थे। गुरप्रीत से पुलिस ने करीब ढाई घंटे से अधिक पूछताछ के बाद उसके पिता को सौंप दिया।

 


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