मल्हार मीडिया डेस्क।
व्हाईट हाउस में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में अमेरिका का राष्ट्रपति कोई महिला, हिन्दू, यहूदी या फिर लैटिन अमेरिका समुदाय का हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका सबको समान अवसर प्रदान करता है। जिस शख्स में काबिलियत होती है वह अपनी नस्ल और विश्वास को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाता है।
फेयरवेल स्पीच में बराक ओबामा ने कहा कि हमें यह नहीं देखना चाहिए कि वह किस नस्ल से है, वह किसमें विश्वास रखता है और वह किस देश का है। उन्होंने कहा कि हम जल्द अमेरिका में सभी धर्म, जाति और समुदाय के लोगों उभरता हुआ देखेंगे। क्योंकि सभी लोगों को समान अवसर मिलेंगे तभी अमेरिका में एक महिला, लैटिन, यहूदी या फिर हिंदू समुदाय का शख्स राष्ट्रपति हो सकता है।
बराक ओबामा ने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में विदाई से पहले डोनाल्ड ट्रंप के आगामी प्रशासन में देश को उम्मीद का संदेश देते हुए अमेरिकियों को भरोसा दिलाया कि सब ठीक होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वह देश के बुनियादी मूल्यों को खतरा पैदा होने पर आवाज उठाएंगे।
उन्होंने कहा, हमें इसके लिए केवल लड़ना होगा, इसके लिए काम करना होगा और इसके हल्के में नहीं लेना होगा। ओबामा ने कहा कि उन्होंने उनके बाद राष्ट्रपति पद संभालने वाले ट्रंप को अपने सुझाव दे दिए हैं। ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
ओबामा ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, मैंने विदेशी एवं घरेलू संबंधी निश्चित मामलों पर अपनी सर्वश्रेष्ठ सलाह दी है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि मेरी कई पहलों एवं देश को जिस दिशा में ले जाने की आवश्यकता है, उसे लेकर मेरी सोच के कुछ पहलुओं के विरोध में चुनाव जीतने के बाद यही उचित होगा कि वह अपनी सोच एवं मूल्यों के साथ आगे बढ़ें।
ओबामा ने कहा कि वह अब लेखन को अपनी प्राथमिकता बनाना चाहेंगे और अपनी बेटियों एवं पत्नी मिशेल ओबामा के साथ समय व्यतीत करना चाहेंगे।
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