मल्हार मीडिया ब्यूरो।
तमिलनाडु के पूर्व मुख्य सचिव पी रामा मोहन राव ने भारत सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी जान को ख़तरा बताते हुए कहा कि उन्हें टारगेट किया जा रहा है।
रामा मोहन राव ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उनके दफ्तर पर आयकर विभाग के छापे बिना उचित परमिशन के लिए मारे गए। उनका कहना था, मेरे पास पंचनामा है जो आयकर विभाग के छापे के बाद बना है. इसमें जो सर्च वारंट है उसमें मेरा नहीं, मेरे बेटे का नाम है। मेरा बेटा माइक्रोसॉफ्ट में काम करने के बाद अमरीका से लौटा है और एक हफ़्ते भी इस घर में नहीं रहा है।
रामा मोहन राव ने कहा कि केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल कैसे किसी मुख्य सचिव के दफ्तर पर छापा मार सकती है।
उनका कहना था, किसी मुख्य सचिव को ट्रांसफर करना दो मिनट का काम होता है। अगर मेरे घर की तलाशी होनी थी तो मुझे ट्रांसफर कर दिया जाता। राव ने आरोप लगाया कि जब किसी राज्य के मुख्य सचिव के साथ ऐसा होता है तो आम लोगों के साथ क्या होगा।
आयकर विभाग के अनुसार रामा मोहन राव के घर और दफ्तर पर पड़े छापों में लाखों रुपए और बड़ी मात्रा में सोना बरामद किया था। रामा मोहन राव ने कहा कि उनके घर से मात्र एक लाख 20 हज़ार तीन सौ रुपए बरामद किए गए हैं जबकि जो सोना और चांदी मिला है वो मेरी पत्नी और बेटी का है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के घर पर सीआरपीएफ ने बंदूकों के साथ छापा मारा था। राव के घर पर पड़े छापों के बाद उन्हें मुख्य सचिव के पद से हटा दिया गया था।
राव ने अपने प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस पार्टी, एआईएडीएमके के नेताओं का भी शुक्रिया अदा किया। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका शेखर रेड्डी से कोई संबंध है, रामा राव ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वो तमिलनाडु के बड़े अधिकारी रहे हैं और उन्हें कई लोग जानते हैं लेकिन उनका शेखर रेड्डी से कोई संबंध नहीं है।
गौरतलब है कि 21 दिसंबर को उनके घर पर आयकर विभाग का छापा पड़ा था। 22 दिसंबर को उनकी जगह गिरिजा वैद्यनाथन को तमिलनाडु का मुख्य सचिव बनाया गया। आयकर विभाग ने राव के घर से नए नोटों में तीस लाख रुपए और पांच किलोग्राम सोना जब्त करने का दावा किया था। इसके अलावा पांच करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। 24 दिसंबर को सीने में उठे दर्द की शिकायत की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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