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ट्रंप के फैसले से चिंतित पिचाई और जुकरबर्ग बोले,नये टैलेंट के लिए बैरियर साबित होगी इमिग्रेशन पॉलिसी

राष्ट्रीय            Jan 28, 2017


मल्हार मीडिया डेस्क।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इमिग्रेंट्स को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प के हाल में लिए गए फैसलों की आलोचना की। पिचाई ने कहा कि ट्रम्प के फैसले यूएस में आने वाले टैलेंट के लिए बैरियर की तरह हैं। इन फैसलों के बाद गूगल ने अपने 100 ट्रैवलिंग स्टाफ को अमेरिका वापस बुला लिया है। बता दें कि ट्रम्प ने नई वीजा नीति पर साइन किए हैं। इसके तहत 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों 3 महीने तक वीजा देने पर रोक लगा दी गई है। इन देशों में इराक, ईरान, सीरिया, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गूगल ने अपने 100 ट्रैवलिंग स्टाफ को अमेरिका वापस बुला लिया है।सुंदर पिचाई ने अपने स्टाफ को एक ई-मेल लिखा, जिसमें उन्होंने ट्रम्प के फैसले को पीड़ा देने वाला बताया। पिचाई बोले, सात मुस्लिम देशों से लोग अमेरिका नहीं आ पाएंगे। ये फैसला यहां आने वाले टैलेंट के लिए दीवार जैसा है। हम अपने इम्प्लॉई पर होने वाले इन फैसलों के असर को लेकर परेशान हैं। उन्होंने कहा अमेरिकी सरकार के ये फैसले अमेरिका में अच्छे टैलेंट को आने से रोकेंगे। साथ ही गूगल फैमिली के करीब 187 इम्प्लॉई को ये प्रभावित करेगा।

गौरतलब है कि फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी ट्रम्प की नई इमिग्रेशन पॉलिसी की आलोचना की है। जुकरबर्ग ने यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की नई इमिग्रेशन पॉलिसी की निंदा की है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, "आप लोगों की तरह मैं भी प्रेसिडेंट ट्रम्प के हाल में लिए गए फैसलों को लेकर चिंतित हूं।"

अमेरिका अप्रवासियों का देश है। हम सभी का फायदा इसी में है कि दुनियाभर से बेहतरीन और काबिल लोग अमेरिका में आएं, यहां रहें, काम करें और अमेरिका के लिए योगदान करें।
दुनिया को बेहतर जगह बनाएं। मुझे उम्मीद है कि हमारे भीतर इतना साहस और सहानुभूति है कि सभी लोगों को साथ लाएं और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाएं।

जुकरबर्ग ने लिखा, मेरे पूर्वज जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड से आकर अमेरिका में बसे। मेरी पत्नी प्रेसिला के पैरेंट्स चीन और वियतनाम से आए अप्रवासी थे। अमेरिका अप्रवासियों का देश है और हम लोगों को इस बात पर गर्व होना चाहिए।

जुकरबर्ग ने लिखा, हमें इस देश को सुरक्षित रखना है। लेकिन, हम ऐसा उन लोगों पर फोकस करके भी कर सकते हैं, जो वास्तव में हमारे लिए खतरा हैं। हमें अप्रवासियों के लिए अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए और उनके लिए भी जो मदद चाहते हैं।

जुकरबर्ग ने लिखा, मुझे ये सुनकर खुशी हुई थी कि प्रेसिडेंट ने कहा था कि वो ड्रीमर्स के लिए कुछ करना चाहते हैं। अप्रवासी वो लोग हैं, जिन्होंने इस देश को यंग एज में लाकर खड़ा किया। इस वक्त अमेरिका में 7,50,000 ड्रीमर्स हैं, जिन्हें DACA प्रोग्राम के तहत कानूनी तौर पर अमेरिका में रहने और काम करने का मौका मिल रहा है। मुझे उम्मीद है कि प्रेसिडेंट और उनकी टीम इन कानूनों को ऐसा ही रखेगी।

अप्रवासियों के संबंध में लिए गए ट्रम्प के फैसलों पर जुकरबर्ग ने फेसबुक पर तीखी प्रतिक्रिया दी।जुकरबर्ग ने लिखा, मेरे लिए ये मुद्दा काफी पर्सनल है। यहां तक कि ये मसला मेरे लिए परिवार से बढ़कर है। उन्होंने कहा, "कुछ साल पहले मैं एक स्कूल में पढ़ाने गया। जहां कुछ बेहतरीन छात्र थे, जिनके पास डॉक्युमेंट्स नहीं थे। ये लोग भी हमारा भविष्य हैं।

हम सभी को फायदा तभी होगा, जब दुनिया का बेस्ट टैलेंट यहां रहकर काम कर सकेगा।

क्या हैं ट्रम्प के नए फैसले
ट्रम्प ने 'प्रोटेक्शन ऑफ द नेशन फ्रॉम फॉरेन टेररिस्ट एंट्री इनटू द यूनाइटेड स्टेट्स' नाम के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए।
इसके तहत, अब वीजा देते वक्त ये ध्यान रखा जाएगा कि इससे अमेरिकियों को कोई दिक्कत न हो। अमेरिकी संविधान और कानून से छेड़छाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
यूएस रिफ्यूजी एडमिशन्स प्रोग्राम को 120 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। ये तभी शुरू किया जाएगा जब ट्रम्प कैबिनेट के मेंबर्स उसकी अच्छी तरह जांच कर लेंगे।
ऑर्डर के मुताबिक, इराक, ईरान, सीरिया, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोग भी 90 दिन तक अमेरिका में एंट्री नहीं ले सकेंगे। उन्हें वीजा नहीं मिलेगा।



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