मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश आजकल फिल्मों का एक बहुत बड़ा हब बन गया है। यहाँ फ़िल्मों की लगातार शूटिंग हो रही है। फिल्म में करियर के लिये ये बहुत अच्छा अवसर है। ये कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश का।
विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा स्क्रिप्ट राइटिंग विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को फिल्म निर्देशक आकाशादित्य लामा और स्क्रिप्ट राइटर अतुल गंगवार ने संबोधित किया।
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा किसी भी चीज का चित्रण करने के लिये फिल्म बहुत ही सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि फिल्में ज्यादा प्रभावी रहती हैं। उन्होंने ताशकन्द फाइल्स सहित कुछ अन्य फ़िल्मों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के चलते आजकल नये और छोटे शहरों के अभिनेताओं को बहुत काम मिल रहा है।
कई फिल्में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश में शूट हो रही हैं। प्रो. सुरेश ने अंतर्राष्ट्रीय मात्र भाषा दिवस और विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नये कैम्पस में मार्च में होने वाले लघु फिल्म फेस्टिवल के बारे में भी जानकारी दी।
वरिष्ठ पत्रकार एवं स्क्रिप्ट राइटर अतुल गंगवार ने कहा कि डिजिटल युग में मोबाइल भी फिल्म के लिये बड़ा साधन हो गया है। उन्होंने कहा कि कहानीकार हम सब के अंदर होता है, जरुरत इसे पहचानने की है।
श्री गंगवाल ने बताया कि कहानी को कहने के तरीके को स्क्रीनप्ले कहा जाता है।
स्क्रिप्ट राइटर एवं डायरेक्टर आकाशादित्य लामा ने कहा कि कहानी लिखने के लिये सबसे पहले आइडिया आना चाहिए। उसके बाद कहानी, फिर स्क्रीन प्ले, कैरेक्टर्स उसके बाद डायलोग।
श्री लामा ने कहा कि सबसे पहले आपको क्यूरियस बनना पड़ेगा, तो आप जीनियस बनेंगे।
उन्होंने कहा कि इस फील्ड में जानने की प्रवृत्ति बहुत जरुरी है। श्री लामा ने कहा कि राइटर बनना है तो सबसे पहले अपनी संस्कृति का ज्ञान होना चाहिये। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे साहित्य आवश्यक रूप से पढ़ें।
कार्यशाला का संचालन विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने किया।
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