डॉ. प्रकांश हिंदुस्तानी।
मनमर्जियां है तो अमृता प्रीतम को समर्पित, लेकिन इसमें मोहब्बत का स्तर फेसबुकिया है। यह ऐसी फिल्म है जो शुरू में जिस्म जैसी है बीच में सई परांजपे की कथा जैसी आगे बढ़ने पर कुंदन शाह की क्या कहना जैसी और अंत होते-होते हम दिल दे चुके सनम जैसी।
इसमें दिखाए प्यार-मोहब्बत पर जज्बात नहीं, वात्स्यायन हावी हैं। शहरी युवा दर्शक जो अपेक्षा लेकर आये थे, वह इंटरवल आते-आते खत्म हो जाती है।
अमृतसर के बैकड्रॉप पर बनी इस फिल्म की हीरोइन 'फर्रुखाबादी' है। जिसका प्रेमी लगातार बैडरूम में आता रहता है, पहले केवल बहन को पता था, लेकिन पूरे घरवालों के सामने बात आ जाती है। घरवाले बेहद शरीफ, कहते हैं कि उससे शादी कर लो।
लड़का कोई मैरिज मटेरियल नहीं रहता, वह शादी से भागता है। वादे करता है, फिर भाग लेता है।
एक बार, दो बार, लगातार। हालात बदतर होते हैं और हीरोइन की शादी हो जाती है लन्दन से आये बैंकर से।
अब शुरू होता है 'हम दिल दे चुके सनम' का रीमेक। नवब्याहता पति-पत्नी हनीमून पर जाते हैं, हीरोइन की आँखों में प्रेमी का अक्स है और उसका जेंटलमैन ऑफिशियल पति प्रतीक्षारत। उधर घरवाले फोन करके पूछते हैं कैसा चल रहा है हनीमून?
135 मिनट की मनमर्जियां फिल्म में कुल करीब 54 मिनट के दर्जन भर से गाने हैं। कुछ गाने वाकई लाजवाब हैं। फिल्म में विक्की कौशल, तापसी पन्नू और अभिषेक की अच्छी एक्टिंग है और पूनम शाह तथा प्रियंका शाह बहनों के दिलचस्प नृत्य हैं।
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