मल्हार मीडिया भोपाल।
आखिरकार लंबे इंतजार और लंबी जद्दोजहद के बाद मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव का चयन कर लिया। इससे पहले भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए पूर्व मंत्री विजय शाह का नाम तय तय किया।
प्रदेश कार्यालय में सोमवार शाम हुई बैठक में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय किया गया। प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की बैठक में भाग लेने पर्यवेक्षक के रूप में गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भोपाल आए।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र सिंह, डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने सिंह का स्वागत किया। इसके बाद राजनाथ सिंह, डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे भाजपा कार्यालय पहुंचे।
ज्ञातव्य हो मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और राजेंद्र शुक्ला का नाम भी नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल माना जा रहा था।
बैठक के बाद केंद्रीय गृहमंत्री और पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने मीडिया को बैठक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिवराज सिंह चौहान सहित वरिष्ठ नेताओं ने बैठक में अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि शिवराज ने ही गोपाल भार्गव के नाम का प्रस्ताव रखा और इसका समर्थन नरोत्तम मिश्र और कुंवर सिंह ने किया और सर्वानुमति से भार्गव का नाम तय किया गया।
राजनाथ सिंह ने उम्मीद जताई केि गोपाल भार्गव में पूरी जिम्मेदारी से विपक्ष का पक्ष रखेंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव सागर जिले के रहली से विधायक हैं। भार्गव इस विधानसभा सीट से 1985 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। भार्गव 8 वीं बार विधानसभा चुनाव जीते हैं।
1 जुलाई 1952 को जन्मे भार्गव ने सागर विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति के माध्यम से अपना राजनीतिक सफर आरंभ किया। इसके बाद वे सागर की रहली विधानसभा सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा विधानसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के बाद दूसरा नंबर गोपाल भार्गव का है। रहली सीट पर भार्गव ने इस बार कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश्वर साहू को 26 हज़ार से ज़्यादा वोटों से शिकस्त दी है। वे मप्र सरकार में मंत्री के रुप में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं।
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