सदाबहार गुटबाज कांग्रेस के सर्वे में 90 सीटों पर भाजपा मजबूत

राजनीति            Feb 22, 2022


ममता यादव।

कांग्रेस सरकार में रहे या न रहे मगर मध्यप्रदेश में उसकी गुटबाजी सदाबहार है। 15 साल बाद 15 महीने के लिए बनी सरकार चली गई मगर कांग्रेस से गुटबाजी खत्म नहीं हुई, बल्कि अब तो खुल्लमखुल्ला दिखती है।

यही कारण है कि जब दिग्विजय मुख्यमंत्री निवास के सामने धरने पर बैठते हैं तो कमलनाथ को इसकी जानकारी मीडिया से मिलती है।

एक नहीं कई मौके ऐसे सामने आये हैं जब मध्यप्रदेश कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व एक तो दिखता नहीं उलटा बहुत सारी भीतरी चीजें पब्लिक हो जाती हैं।

फिलहाल एक दिलचस्प मामला सामने आया है। 2023 के चुनावों के मद्देनजर कराए गए सर्वे और सीट बंटवारे को लेकर।

बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी सर्वे करवाया। इस सर्वे में भारतीय जनता पार्टी 90 सीटों पर मजबूत बताई जा रही है।
इन 90 सीटों में से करीब 12 सीटों पर कांग्रेस के पास भाजपा के सामने दमदार प्रत्याशी का टोटा बताया जा रहा है।

अब इससे भी दिलचस्प बात ये है कि प्रदेश अध्यक्ष सर्वे करवा रहे हैं और उधर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने 25 प्रत्याशियों के नाम अनौपचारिक तौर पर तय भी कर दिए।  

 2023 के चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस सर्वे के साथ ही मंडलम अभियान के गठन के संगठन को जमीनी तौर पर मजबूत करने के प्रयास में लगी हुई है।

कमलनाथ कैम्प के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार वर्तमान हालात में कांग्रेस भाजपा को 140 सीटों पर कड़ी टक्कर देने की स्थिति में है।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के कुछ नेता स्वीकारते हैं कि अनौपचारिक सूची में ज्यादातर नाम वर्तमान विधायकों के हैं।

वहीं इनमें से हारी हुई कुछ चुनिंदा सीटों पर ही प्रत्याशी तय कर उन्हें चुनाव लड़ने की तैयारी करने के संकेत दे दिए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार दिग्विजय सिंह के इस कदम के साथ—साथ कमलनाथ ने अपने गुट के चुनिंदा प्रत्याशियों को तय कर अभी से जुटने के संकेत दे दिए हैं।

सर्वे में का परिणाम जो भी हो पर कांग्रेस को गुटबाजी परे रखते हुए पहले घरेलु स्तर पर असंतोष का सर्वे कर कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करना चाहिए। वरना अपने सर्वे के परिणाम भी अपने ही होते हैं।

 



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