मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र आज गुरूवार 4 जुलाई को चौथे दिन भी नर्सिंग घोटाले पर हंगामा जारी रहा।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने मंत्री विश्वास सांरग पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री की बैठक के 20 दिन पहले मलय कॉलेज अमान्य था।
मीटिंग के एक सप्ताह बाद 13 दिसंबर 2022 को मलय नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दे दी गई।
विधायक जयवर्धन ने कहा हमने हमारे भाषण में एक-एक सबूत दिया है ये दस्तावेज़ कोई मैंने नहीं बनाए हैं। ये तत्कालीन मंत्री के लिए विभाग के आधिकारिक दस्तावेज हैं। जयवर्द्धन सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने कहा मंत्री विश्वास सारंग द्वारा एक पत्र जारी किया गया था जिस पत्र के चौथे बिंदु में स्पष्ट उल्लेख किया गया है जिन कॉलेजों को वर्ष 19 20 ,20 21 और 21 22 में समानता नहीं मिली उसमें पुनः विचार किया जाएगा
विधानसभा में पत्रकार वार्ता में कांग्रेस विधायक ने कहा कि ध्यानाकर्षण भाषण के दौरान मैंने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा था कि 15 दिसंबर 2022 को तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के कार्यालय द्वारा एक पत्र जारी किया जाता है। जिसमें स्पष्ट उल्लेख है सम्बद्धता नहीं मिली है और कॉलेज के संबद्धता पर पुनर्विचार किया जाए। जब सारंग ने इस संबंध के मुद्दे पर भाषण दिया दोनों ने कहा कि जयवर्धन सिंह ने संबद्धता और मान्यता का आधार नहीं समझा। जबकि मैंने अपने भाषण में दोनों शब्दों का उल्लेख किया था।
जयवर्धन ने कहा कि प्रदेश आयुर्विज्ञान विद्यालय द्वारा जो पत्र दिया गया है वह 2022 का है। आदेश में चिकित्सा शिक्षा मंत्री का उल्लेख किया गया है, जिसमें 14 दिसंबर 2022 तारीख है।
मंत्री के आदेश का हवाला देकर लिखा गया है कि पुनर्विचार किया जाये, उन सभी कॉलेजों को संबद्धता है तो मान्य किया जाए। उन्होंने पेपर दिखाते हुए कहा पूरी सूची में तीसरे नंबर पर मलय नर्सिंग कॉलेज भोपाल का नाम है, जिसके मालिक अभी जेल में हैं।
मलय नर्सिंग कॉलेज का संबद्धता रिकॉर्ड दिखाते हुए जयवर्धन सिंह ने कहा कि मंत्री की बैठक के 20 दिन पहले मलय कॉलेज अमान्य था। मीटिंग के एक सप्ताह बाद 13 दिसंबर 2022 को मलय नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दे दी गई। हमने हमारे भाषण में एक-एक सबूत दिया है ये दस्तावेज़ कोई मैंने नहीं बनाए हैं। ये तत्कालीन मंत्री के लिए विभाग के आधिकारिक दस्तावेज़ हैं। गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए जयवर्द्धन सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि हमने मांग की थी कि इसके लिए एक सर्वदलीय समिति बनाई जाए, जिससे पूरे मामले की जांच हो। उसको अभी तक नहीं स्वीकारा गया है। हमने और सचिन यादव ने इस संबंध में पत्र लिखा है। मंत्री ने जो जानकारी दी है वो गलत है। उस पत्र का उत्तर भी हमें विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जल्द मिलने की उम्मीद है।
वहीं विपक्ष के आरोपों पर मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार करते हुए कहा कि दो दिन पहले नर्सिंग मामले में विस्तृत चर्चा हुई थी। विधायकों के सवालों का प्रूफ के साथ जवाब दिया गया, लेकिन कांग्रेस बिना तथ्यों के आरोप लगा रही है। जिस पत्र की बात हो रही है उस पर मेरे नहीं बल्कि कार्यालय के हस्ताक्षर है। इस पत्र में कोरोना काल, ई लाइब्रेरी, विश्व विद्यालय से सम्बद्धता को लेकर पुनर्विचार की बात लिखी है। उस पत्र में कही भी विश्विद्यालय को सम्बद्धता देने के लिये निर्देशित नहीं किया गया है।
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