मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के इंदौर में भाजपा के सदस्यता अभियान कार्यक्रम में पहुंचे नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का महिलाओं ने घेराव कर दिया। उन्होंने इलाके में चल रहे नशे के कारोबार की शिकायत की। जिसके बाद मंत्री विजयवर्गीय ने मंच से ही पुलिस पर नाराजगी जताई। तीन दिन के अंदर नशे का कारोबार खत्म करने का अल्टीमेटम दिया।
परदेशीपुरा इलाके की महिलाओं ने शिकायत में कहा- इलाके में नशे का कारोबार इतना जोर पकड़ रहा है कि वो खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। घर से निकलने और बाजार जाने से भी डरती है। महिलाओं ने नशे के कारोबार को लेकर विरोध जताया।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंच से परदेसीपुरा पुलिस चौकी को चेतावनी देते हुए कहा- 'तीन दिनों के अंदर नशे का कारोबार बंद होना चाहिए, नहीं तो चौथे दिन सख्त कदम उठाए जाएंगे।'
विजयवर्गीय ने कहा- 'यदि किसी नेता का फोन नशा करने वाले या नशा बेचने वाले को छुड़ाने के लिए आता है, तो थाना प्रभारी सीधे मुझसे संपर्क करें। यहां तक कि अगर मंच पर बैठा कोई व्यक्ति भी इस अवैध धंधे में शामिल पाया जाता है, तो उसकी सिफारिश भी न मानी जाए।'
महिलाओं के विरोध के बाद मंत्री विजयवर्गीय ने मंच से ही पुलिस को तीन दिन के अंतर नशे का कारोबार बंद करवाने की चेतावनी दी।
महिलाओं के विरोध के बाद मंत्री विजयवर्गीय ने मंच से ही पुलिस को तीन दिन के अंतर नशे का कारोबार बंद करवाने की चेतावनी दी।
विधानसभा चुनाव के दौरान भी विजयवर्गीय ने नशे के खिलाफ कैंपेन चलाने की बात कही थी। इंदौर-1 में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि विधायक बनने के बाद मैं सबसे पहले ब्राउन शुगर बेचने वालों की कमर तोड़ कर रख दूंगा।
इस दौरान एक महिला ने शिकायत की थी कि पति शराब पीकर हंगामा करता है। जिस पर विजयवर्गीय ने कहा कि शराब के विरोध में अपने घर से ही आंदोलन शुरू करना है। बच्चों को भूख हड़ताल करना है।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद पर बोले- पता नहीं कितनी बार चर्बी खाई होगी
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर मंत्री विजयवर्गीय ने कहा- यह दुर्भाग्य की बात है, लोग इस तरह से सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ करें तो यह बहुत ही दुख की बात है। लोगों का धर्म भ्रष्ट करना, जैसे मैं खुद ही जब यह खबर देखी तो भोजन नहीं कर पाया, क्योंकि मैंने कई बार वहां का प्रसाद खाया है, मुझे लगा कि पता नहीं मैंने कौन सी चीज खाई है, मन में एक ग्लानि सी है और गुस्सा भी है। जिन लोगों ने ऐसा काम किया है, उन्हें तो मृत्युदंड़ ही देना चाहिए।
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