मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश सरकार योजनाओं को संचालित करने के लिए लगातार कर्ज पर कर्ज ले रही है। सरकार 19 मार्च को फिर 6 हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। रंग पंचमी के दिन एमपी सरकार इस साल में तीसरी बार बाजार से कर्ज लेगी।
प्रदेश में बढ़ रहे कर्ज को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता लगातार सरकार को घेर रहे हैं और सवाल खड़े कर रहे हैं। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कर्ज से जनहित के काम नहीं किए जा रहे हैं बल्कि मंत्रियों के बंगले सुधारे जा रहे हैं। मध्य प्रदेश से ऐसा राज्य है, जहां जब बच्चा पैदा होता है तो 60 हजार का कर्जदार होता है।
पटवारी ने दावा किया कि प्रदेश पर 5 लाख करोड़ का कर्ज है। समझ में नहीं आता मध्य प्रदेश सरकार आखिर कर्ज किस लिए ले रही है? कर्ज लेकर जनहित की योजनाएं संचालित नहीं की जा रहीं, बल्कि इस राशि का प्रयोग मंत्रियों के बंगले चमकाने में होता है।
पटवारी ने आगे कहा कि मप्र को इस वित्तीय वर्ष में कुल 62,835 करोड़ रुपये तक कर्ज लेने की अनुमति है। इस हिसाब से 31 मार्च तक सरकार सिर्फ 5,800 करोड़ रुपये और कर्ज ले सकती है।
19 मार्च को लिया जाने वाला कर्ज 7, 21 और 24 साल की अवधि के लिए होगा। वित्त विभाग ने इसके लिए आरबीआई के जरिए अधिसूचना जारी कर दी है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार 19 मार्च को 6 हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। सरकार 7 साल, 21 साल और 25 साल के लिए कर्ज लेने जा रही है। जनवरी से लेकर मार्च तक सरकार 16 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है।
31 मार्च 2024 तक सरकार 3 लाख 75 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है।
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