मल्हार मीडिया भोपाल।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार 3 जून को भोपाल से पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ की औपचारिक शुरुआत करेंगे। यह अभियान संगठनात्मक मजबूती और जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल माना जा रहा है।
अभियान के अंतर्गत राहुल गांधी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और पर्यवेक्षकों से संवाद करेंगे और संगठन के पुनर्गठन की दिशा में आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे।
राहुल गांधी की बैठकों का सिलसिला मंगलवार सुबह 11 बजे से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राजनीतिक मामलों की समिति के साथ शुरू होगा। इसके बाद 12 बजे सांसदों और विधायकों के साथ बैठक होगी।
दोपहर बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों और प्रदेश प्रभारियों की संयुक्त बैठक होगी जिसमें संगठन सृजन अभियान की रूपरेखा, भूमिका और कार्यप्रणाली पर चर्चा की जाएगी।
दोपहर 2:30 बजे रवींद्र भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC), प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC), जिला और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों का अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। इसमें राहुल गांधी संगठन के ढांचे और नई रणनीति को लेकर मार्गदर्शन देंगे।
मध्य प्रदेश कांग्रेस जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में है। पार्टी का दावा है कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के लिए राहुल गांधी के दबाव में आई है। इसी को जनमानस तक पहुंचाने के लिए एक अलग जनसंपर्क अभियान भी संगठन सृजन अभियान के साथ-साथ चलेगा।
भोपाल के हवाई अड्डे से कांग्रेस कार्यालय तक कुल 52 स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं, जिन पर जातिगत गणना की मांग को लेकर राहुल गांधी का धन्यवाद प्रकट किया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2025 को ‘संगठन वर्ष’ के रूप में घोषित किया है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा के हाथों मिली हार के बाद कांग्रेस अब जमीनी संगठन को मजबूत करने पर पूरा फोकस कर रही है। गुजरात के बाद मध्य प्रदेश में संगठनात्मक सुधार के लिए यह अभियान शुरू किया जा रहा है।
अभियान के अंतर्गत AICC के 61 पर्यवेक्षक और प्रदेश कांग्रेस के 200 सहायक अगले तीन महीने तक जिलों में कार्यकर्ताओं और आमजन से फीडबैक लेंगे। संभावित जिला अध्यक्षों की पहचान कर उनका साक्षात्कार लिया जाएगा और एक नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि यह अभियान न केवल संगठन को मजबूती देगा बल्कि जनता से गहरे जुड़ाव का माध्यम भी बनेगा। बैठकों के जरिए प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारियों से संवाद कर संगठन की नई संरचना पर विचार किया जाएगा।
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