मल्हार मीडिया ब्यूरो।
लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय बहस शुक्रवार से शुरू हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में इस बहस की शुरुआत की। इसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस की नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी ने संविधान से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी। प्रियंका का संसद में यह पहला भाषण रहा। इसमें कांग्रेस सांसद ने जातिगत जनगणना, अदाणी, वायनाड त्रासदी, उन्नाव कांड और संभल हिंसा जैसे कई मद्दों पर बात की। आइये जानते हैं कि प्रियंका ने संसद में अपने पहले भाषण में किस मुद्दे पर क्या कहा?
कांग्रेस सांसद ने भाषण के शुरुआत में देश की आजादी की लड़ाई और संविधान निर्माण के सफर को बखान किया और इसमें शामिल लोगों के योगदान को याद किया। प्रियंका ने कहा, 'ये सिर्फ दस्तावेज नहीं है। हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो जोत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है।'
उन्नाव से आगरा तक का जिक्र
प्रियंका ने कहा, 'मैं एक उन्नाव रेप पीड़िता के घर गई, उसे जलाकर मार डाला गया। हम सब के बच्चे हैं, हम सोच सकते हैं कि उस पर क्या बीती होगी। पीड़िता ने अकेले अपनी लड़ाई लड़ी। ये लड़ने की क्षमता और ये हिम्मत उस पीड़िता को और करोड़ों महिलाओं को ये ताकत हमारे संविधान ने दी।'
कांग्रेस सांसद ने 2021 में चोरी के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए आगरा के अरुण वाल्मीकि की मौत का मुद्दा उठाया। प्रियंका ने कहा, 'मैं आगरा गई, वहां अरुण वाल्मीकि एक पुलिस स्टेशन में साफ-सफाई का काम करता था, उसे चोरी के आरोप में पीटा गया, उसकी मौत हुई। उसके परिवार ने कहा हमें न्याय चाहिए और ये ताकत उन्हें हमारे संविधान ने दी।'
संभल हिंसा पर बोलीं
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद हाल में खूब चर्चा में रहा। यहां जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर किए गए सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस मुद्दे को संसद में उठाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, 'संभल के पीड़ित परिवारों से कुछ लोग हमसे मिलने आए थे। उनमें दो बच्चे थे, अदनान और उजैर। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का। उनके पिता एक दर्जी थे। दर्जी का बस एक ही सपना था कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा।'
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा, 'वह हर रोज की तरह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने गए थे और उन्हें नहीं पता था कि दंगा हो जाएगा। वह अपनी दुकान पर पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। 17 साल के अदनान ने मुझे बताया कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और उम्मीद उसके दिल में भारत के संविधान ने डाली है।'
लेटरल एंट्री और निजीकरण पर भी बात रखी
वायनाड सांसद ने संविधान को सुरक्षा कवच बताया और कहा कि सत्ता पक्ष ने इसे तोड़ने का प्रयास किया है। प्रियंका गांधी ने कहा, 'हमारा संविधान 'सुरक्षा कवच' है। ऐसा सुरक्षा कवच है जो नागरिकों को सुरक्षित रखता है - यह न्याय का, एकता का, अभिव्यक्ति के अधिकार का कवच है। यह दुखद है कि 10 साल में बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने इस कवच को तोड़ने की पूरी कोशिश की है। संविधान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा करता है। ये वादे एक सुरक्षा कवच है और इसे तोड़ने का काम शुरू हो गया है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए यह सरकार आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।'
फिर दोहराई जातिगत जनगणना की मांग
कांग्रेस नेत्री ने लोकसभा में जाति जनगणना पर सरकार के रुख की आलोचना की। प्रियंका ने कहा, 'वे (सत्ता पक्ष) हार से बाल-बाल बचकर चुनाव जीतते हैं... जाति जनगणना समय की मांग है, फिर भी वे मंगलसूत्र जैसी चीजों पर चर्चा करके इसे महत्वहीन बताते हैं। आज देश के लोग मांग कर रहे हैं कि जाति जनगणना हो। सत्ता पक्ष के साथी ने इसका जिक्र किया, लोकसभा चुनाव में इन नतीजों के कारण ही इसका जिक्र हो रहा है। जाति जनगणना इसलिए जरूरी है ताकि हम सबकी स्थिति जान सकें और उसके अनुसार नीतियां बनाई जा सकें। सत्ता पक्ष अतीत की बात करता है लेकिन वे वर्तमान के बारे में क्यों नहीं बोल रहे हैं? अरे देश को बताइये...आप क्या कर रहे हैं, आपकी जिम्मेदारी क्या है? कि सारी जिम्मेदारी नेहरू जी की है? जो नेहरू की बात करते हैं, वे खुद क्या कर रहे हैं?'
नारी शक्ति वंदन अधिनियम को जल्द लागू करने की मांग
कांग्रेस महासचिव ने संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर भी बात की और मांग की कि इसे जल्द लागू किया जाए। संसद ने सितंबर 2023 में नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 के पारित किया था, जिसका उद्देश्य लोकसभा, विधानसभाओं में महिलाओं के लिए कुल सीटों की एक तिहाई सीटें आरक्षित करना है। प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को संसद में कहा, 'नारी शक्ति की बात होती है, लेकिन हमारे संविधान ने महिलाओं को इतना सशक्त किया तभी आप नारी शक्ति की बातें दोहरा रहे हैं। नारी शक्ति के बिना आज सरकारें नहीं बनतीं। आप नारी शक्ति अधिनियम लाए हैं इसे आज लागू क्यों नहीं किया जा रहा। इसे 10 साल बाद क्यों लागू किया जा रहा है...क्या आज की नारी 10 साल इंतजार करेगी...?'
अदाणी मुद्दे पर सरकार को घेरा
प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक व्यक्ति (अदाणी) का बचाव कर रही है। उन्होंने कहा, 'एक व्यक्ति के लिए सब कुछ बदला जा रहा है। आज की सरकार ने सारा कोल्ड स्टोरेज एक व्यक्ति को दे दिया है, हिमाचल में सेब उत्पादक रो रहे हैं क्योंकि एक व्यक्ति के लिए सब कुछ बदला जा रहा है। एक व्यक्ति को तरजीह दी जा रही है और 142 करोड़ भारतीयों की अनदेखी की जा रही है। रेलवे और एयरपोर्ट समेत सभी कारोबार एक व्यक्ति को दिए जा रहे हैं।'
मणिपुर पर भी पीएम मोदी को घेरा
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया, 'हमारे संविधान ने एकता का सुरक्षा कवच दिया था, वहां नफरत के बीज बोए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री संविधान की प्रति को माथे से लगाते हैं, लेकिन जब संभल में, मणिपुर में, हाथरस में न्याय की मांग उठती है तो उनके माथे पर सिकन नहीं आती।'
वायनाड त्रासदी पर बोलीं
30 जुलाई 2024 की तड़के वायनाड में भूस्खलन की कई घटनाएं हुई थीं जिसमें 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग लापता हो गए थे। वायनाड त्रासदी का जिक्र करते हुए प्रियंका ने एक लड़के द्वारा अपनी मां को बचाने के लिए किए गए संघर्षों का किस्सा सुनाया। वायनाड सांसद ने कहा, 'वायनाड में जो आपदा आई इसमें एक 17 साल का छोटा लड़का था, उसने छह घंटों के लिए अपनी मां को बचने की कोशिश की। छह घंटों के लिए आप सोच सकते हैं कि जो नदी की धारा बह रही है, नाराज है, आप अपनी मां को पकड़े हो, छह घंटों के लिए पकड़े रखते हो कि मेरी मां बच जाएगी लेकिन वो मां भी बह जाती है।'
एमएसपी का मुद्दा
किसानों का जिक्र करते हुए प्रियंका ने दावा किया कि उन्हें सही एमएसपी नहीं मिल रही है। प्रियंका ने कहा, 'किसान को सही एमएसपी तो छोड़िए, डीएपी तक नहीं मिल रही है, वायनाड से लेकर ललितपुर तक किसान रो रहा है।'
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