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पावर ग्रिड कंपनी न​हीं दे रही दो दशक से जमीन का मुआवजा, टावर पर चढ़े किसान

राज्य            May 22, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो सतना।
पावर ग्रिड कंपनी से जमीन का मुआवजा देने की मांग को लेकर टावर पर चढ़े किसान 36 घंटे बीत जाने के बाद भी नीचे नहीं आए।

मुआवजे की मांग पूरी न होने के चलते किसान खराब मौसम में भी रातभर टावर पर ही चढ़े रहे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 1990 में यानि 20 साल पहले पावर ग्रिड कंपनी ने इस किसानों की जमीन पर टावर लगाए थे लेकिन एक दशक बीत जाने के बाद भी मुआवजा नहीं दिया गया है।

मध्यप्रदेश के सतना जिले में किसान काफी समय से अपनी जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर टावर पर चढ़े किसानों का हौसला खराब मौसम के आगे भी नहीं झुका।

गौरतलब है कि एक दशक पूर्व सतना जिले में ट्रांसमिशन कंपनियों ने किसानों के खेतों से उच्च दाब की लाइन निकाल दी और लाइन निर्माण के दौरान किसानों को प्रभावित भूमि,परिसम्पति कुआँ बोर मकान पेड़ों का मुआवजा देने का वादा किया लेकिन अभी तक सभी किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया।

किसान 2015 से लगातार आंदोलित कर अपने मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

सतना के अतरवेदिया में तेज आंधी पानी हवा में तीन दिनों से दर्जन भर किसान टॉवर में चढ़कर कर रहे अपने मुआबजे की मांग लेकिन कंपनी नहीं दे रही है

अब किसानों के मुआवजे की मांग को लेकर एक नया पेंच फंस गया है, जिसकी आढ़ लेकर पावर ग्रिड प्रबंधन किसानों को चक्कर लगवाने के साथ ही प्रशासन को भी उलझा के रखे हुए है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पावर ग्रिड प्रबंधन ने एडीएम राजेश शाही की फटकार के बाद प्रशासन को बताया कि किसानों के मुआवजे पर हाईकोर्ट से स्थगन मिला हुआ है।

किसानों के पास भले ही प्रति टावर 12 लाख रुपये के मुआवजा भुगतान के आदेश हों, लेकिन हाईकोर्ट ने उस आदेश पर पावर ग्रिड प्रबंधन को स्टे दे रखा है। लिहाजा मुआवजा नहीं दिया जा सकता।

इन स्थितियों के बीच अब मामला और उलझ सा गया है। किसान मुआवजे के लिए अनशन पर हैं, टावर पर चढ़े बैठे हैं। वे कुछ भी सुनने को तैयार नही हैं। एडीएम, एसडीएम को भी बैरंग वापस लौटा चुके हैं।

शुक्रवार सुबह से टावर पर चढ़े किसान आंधी-पानी में भी टावर पर ही बैठे रहे। इस बीच उनका साथ देने कई और पुरुष और महिलाएं भी वहां पहुंचीं।

वहां कानून-व्यवस्था बिगड़ने के हालात निर्मित हो रहे हैं, जिसका सारा दारोमदार सतना जिला प्रशासन पर है। प्रशासन भी असमंजस में है कि अनशन कैसे खत्म कराया जाए?

उधर किसानों का कहना है कि कलेक्टर पूरे जिले के प्रभावित किसानों के मुआवजा भुगतान का आदेश सभी अधीनस्थ अधिकारियों के लिये कर दे और कैंप लगाकर हमारा मुआवजे का भुगतान कराया जाये।

 



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