ममता यादव।
अपने तीसरे कार्यकाल के अंतिम दिनों में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए मजबूर होना ही पड़ा। शुक्रवार 3 फ़रवरी को मंत्रिमंडल का विस्तार किए जाने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार राजभवन में इसके लिए हो रही तैयारियाँ भी पूरी हो चुकी हैं।
दिनभर से चल रही राजनीतिक चर्चा के मुताबिक पहले 5-6 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन, अंत में तीन नाम तय बताए जा रहे हैं। बालकृष्ण पाटीदार, जालमसिंह पटेल और नारायणसिंह कुशवाह। दो-तीन मंत्रियों की छुट्टी होना भी तय बताया जा रहा है।
दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार का मुख्य कारण मुंगावली उपचुनाव के मद्देनजर गोपीलाल जाटव को मंत्री बनाया जाना माना जा रहा था, लेकिन, कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग और राज्यपाल के यहाँ आचार संहिता उल्लंघन की आपत्ति लगाकर सारा प्लान चौपट कर दिया।
फिलहाल शिवराज कैबीनेट में 19 कैबिनेट और 9 राज्य मंत्री हैं। मुख्यमंत्री 34 को मंत्री बना सकते हैं। इस गणित के हिसाब से 5 पोस्ट अभी खाली है। विस्तार में शामिल किए जाने वाले 3 विधायकों को राज्यमंत्री बनाये जाने की संभावना है। जबकि, वर्तमान के राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा, दीपक जोशी और विश्वास सारंग का प्रमोशन कर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाये जाने की चर्चा है।
सूत्रों की मानें तो कुसुम महदेले और हर्ष सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। कुसुम महदेले को तो बाबूलाल गौर और सरताज सिंह के साथ ही बाहर करने की तैयारी थी, पर उनकी उम्र बॉउंड्री पर होने से वे बच गईं। जबकि, हर्ष सिंह को स्वास्थ्य कारणों से हटाया जा रहा है। इसी कारण से एक और मंत्री शरद जैन भी बाहर हो जाएँ तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
आज सुबह से ही प्रदेशभर में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं से हलचल मची रही। शुरुआत में रमेश मेंदोला, सुदर्शन गुप्ता, रंजना बघेल, केदार शुक्ला, गोपीलाल जाटव और नारायणसिंह कुशवाह के नाम चर्चा में रहे। इंदौर से दो विधायकों रमेश मेंदोला (क्षेत्र क्रमांक-2) और सुदर्शन गुप्ता (क्षेत्र क्रमांक-1) को शामिल किए जाने की ख़बरें काफी गर्म थी, लेकिन अंततः इस बार भी इंदौर से किसी विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने की ख़बरें पक्की मानी जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि इंदौर के नाम पर बैठक में काफी माथापच्ची हुई मगर फैसला नहीं लिया जा सका।
पिछले विस्तार में भी सुदर्शन गुप्ता का नाम था, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय ने अपने 'वीटो पावर' का उपयोग करके एन-वक्त पर उनका नाम कटवा दिया था। क्योंकि, सुगनीदेवी कॉलेज की जमीन के मामले में रमेश मेंदोला का नाम होने से उन्हें शामिल नहीं किया जा रहा था। लेकिन, अब जबकि रमेश मेंदोला उस मामले से बरी हो चुके हैं, फिर भी वे भी शपथ लेने वाले विधायकों की लिस्ट में नहीं हैं।
इंदौर संभाग से ही मनावर (धार) की विधायक रंजना बघेल का नाम भी इस विस्तार में शामिल बताया जा रहा था, जो वास्तव में चौंकाने वाला था। क्योंकि, हाल ही के नगर निकाय चुनाव में मनावर में भाजपा को हार का मुँह देखना पड़ा था और रंजना बघेल के खिलाफ चुनाव याचिका भी लगी थी, जिसका हाल ही में फैसला हुआ है।
विस्तार की अचानक जरुरत क्यों महसूस की गई? इसका सीधा सा कारण है कि मुंगावली और कोलारस उपचुनाव में भाजपा की हालत लगातार बिगड़ रही है। ऐसी स्थिति में मुंगावली में डैमेज-कंट्रोल के लिए गोपीलाल जाटव को मंत्री बनाया जाना था, ताकि मुंगावली को संभाला जा सके। लेकिन, कांग्रेस ने चुनाव आचार संहिता को मुद्दा बनाकर आपत्ति लगाई और गोपीलाल जाटव का पत्ता कट गया। लेकिन, विस्तार को लेकर औपचारिक तैयारी हो चुकी थी, इसलिए 3 विधायकों को साथ ये खानापूर्ती की जा रही है।
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