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विधानसभा में बोले स्वास्थ्य मंत्री, संविदा कर्मियों की हड़ताल नाजायज, जायज मांगें मानी

राज्य            Mar 16, 2018


मल्हार मीडिया भोपाल।
करीब एक सप्ताह से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में में हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का मुद्दा शुक्रवार को विधानसभा में उठा। कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह बघेल ने सरकार पर लगातार कर्मचारियों की मांगों की उपेक्षा करने और उन्हें धोखे में रखने का आरोप लगाते हुए पूछा कि उनकी मांगें पूरी क्यों नहीं की जा रही हैं?

इसका जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने कहा कि जो जायज मांगें हैं, उन्हें पूरा किया जा रहा है। इसके अलावा नियमितीकरण को छोड़कर अन्य व्यावहारिक मांगें मानी हैं। वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भी भेजा है लेकिन हड़ताल नाजायज और अमानवीय है। उन्होंने कहा कि यह सेवा सीधे आम आदमी से जुड़ी है।

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस ने बहिर्गमन कर दिया। बघेल ने कहा कि लगभग 23 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं ठप हैं। 2013 में लिखित में मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। 2016 में भी संचालक स्वास्थ्य की समिति बना दी पर मांगें पूरी नहीं हुई।

इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि जो मांगें नियमों के तहत नहीं आतीं, उन्हें छोड़कर बाकी को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि नियमितीकरण की मांग प्रमुख है जो कि व्यावहारिक नहीं है।

मंत्री ने कहा कि पिछली बार एएनएम नर्सिंग स्टाफ की भर्ती हुई थी। इसमें संविदा कर्मचारियों को बोनस अंक और प्राथमिकता दी गई।

1800 में से 14-15 सौ संविदाकर्मी ही भर्ती हुए। समय-समय पर वेतनमान भी बढ़ाया है। सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। हड़ताल पर जाना पूरी तरह नाजायज है। स्वास्थ्य सेवा सीधे लोगों के जीवन से जुड़ा मामला है। जो मांगें पूरा करना संभव थी, वो वित्त विभाग को भेज दी है। वित्त मंत्री से इस बारे में बात भी करेंगे।

बघेल ने कहा कि 2003 से 2018 हो गया, सरकार अब तक मांग पूरी नहीं कर पाई है। इस पर भाजपा के बहादुर सिंह चौहान ने कहा कि यह हड़ताल करके उनका वेतन नहीं बढ़वाना चाहते बल्कि वोटों की राजनीति करना चाहते हैं। जब विधायक की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री ने कोई आश्वासन नहीं दिया तो कांग्रेस दल के विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया।

 


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