Breaking News

मप्र विधानसभा:महिला अपराधों पर गरमाया सदन, हंगामे की भेंट चढ़ा शून्यकाल और प्रश्नकाल

राज्य            Nov 29, 2017


मल्हार मीडिया भोपाल।
भोपाल गैंगरेप मामले और बढ़ते महिला अपराधों को लेकर आज मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा में खासा हंगामा किया। नौबत यहां तक आ गई कि चार बार सदन की कार्यवाही बाधित हुई और फिर गुरूवार 30 दिसंबर तक के लिये स्थगित कर दी गई। इसी हंगामे के बीच अनुपूरक बजट का भी उपस्थापन कर दिया गया। आलम ये रहा कि प्रश्नकाल और शून्यकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया।

मध्यप्रदेश में बढ़ रहे महिला अपराधों और उत्पीड़न को लेकर आज विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। भोपाल गैंगरेप और महिला उत्पीड़न पर चर्चा कराने की मांग को लेकर अड़े कांग्रेस सदस्यों ने गर्भ गृह में पहुंचकर हंगामा किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मसले पर तीखी नोक-झोंक हुई और सदस्य नारेबाजी करते हुये अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंच गये।

विपक्ष के बढ़ते हंगामे के कारण अध्यक्ष को विधानसभा की कार्यवाही पांच बार स्थगित करनी पड़ी। जिसके चलते प्रश्नकाल नहीं हो पाया। प्रश्नकाल बाधित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने अध्यक्ष ने शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ने के लिए विधायकों के नाम पुकारे लेकिन कांग्रेस विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे लिहाजा शून्य काल भी नहीं हो पाया।

आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई कांग्रेस के डॉ. गोविंद सिंह समेत कुछ विधायकों ने अध्यक्ष से मांग की कि महिला अपराध को लेकर उनकी ओर से आठ दिन पहले स्थगन दिया गया है। इस पर आज तत्काल चर्चा कराई जानी चाहिए। इस पर अध्यक्ष का जवाब आया कि अभी प्रश्नकाल का समय है, इसके बाद चर्चा पर बात कर ली जाएगी।

इस पर कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष से कहा कि वे बताएं कि इस पर चर्चा क्यों नहीं कराई जा रही है। इस पर मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि आज गृह विभाग के काफी प्रश्न हैं, इन पर चर्चा के दौरान भी यह मामला आ सकता है।

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक बाबूलाल गौर ने भी प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया। इसके बाद भी कांग्रेस विधायक अड़े रहे तो भाजपा विधायकों ने इसका विरोध करते हुए कांग्रेस पर सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया। इसके बाद कांग्रेस विधायक अध्यक्ष की आसंदी के समीप पहुंच गये।

शोर-शराबा न थमने पर अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन फिर से शुरू हुआ तो पक्ष-विपक्ष के सदस्यों में फिर तीखी नोक-झोंक होने लगी। इसी हंगामे के बीच वित्तमंत्री जयंत मलैया ने अनुपूरक बजट उपस्थापन कर दिया।


हंगामे के बीच ही नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सदन में कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। हर दिन महिलाओं के साथ अपराध बढ़ रहे हैं और सदन के नेता अपना 12 साल का जश्न मनाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि सदन में एक मंत्री 302 में आरोपी है, आज उन्होंने छुट्टी मार ली है। मंत्री हत्या के आरोपी हैं यह प्रदेश की कानून-व्यवस्था के हाल हैं।

श्री सिंह ने सवाल किया कि जब आठ दिन पहले हम स्थगन दे चुके हैं तो सदन में इस मसले पर चर्चा क्यों नहीं कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि क्या हम सदन में कुर्सी गर्म करने के लिए आते हैं। इसके पहले मीडिया से चर्चा में अजय सिंह ने कहा कि 12 साल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि प्रदेश में प्रजातंत्र नहीं राजतंत्र है, शिवराज महाराज हैं। हम लोग जनता की आवाज सदन में उठाना चाहते हैं, शिवराज उसे दबा देते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा द्वारा बार-बार सदन चलाने का आग्रह किया गया, लेकिन विपक्षी सदस्य नहीं माने जिसके चलते सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा के कक्ष में जाकर चर्चा की। अध्यक्ष के बुलावे पर उनके कक्ष में पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने आग्रह किया कि भोपाल गैंगरेप को लेकर कांग्रेस ने आठ दिन पहले ही स्थगन की सूचना दे दी थी। सदन में इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए।

 


Tags:

shri-ram-janmabhoomi pran-pratishtha

इस खबर को शेयर करें


Comments