मल्हार मीडिया डेस्क।
भारत के भाला फेंक स्टार नीरज चोपड़ा शनिवार 14 सितंबर को डायमंड लीग का फाइनल मुकाबला खेलने उतरे थे, जहां वह दूसरे स्थान पर रहे। अब पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता ने खुलासा किया है कि वह टूटे हुए हाथ के साथ इस मुकाबले में खेलने के लिए उतरे थे। इसकी जानकारी उन्होंने इंस्टा पोस्ट के जरिए दी।
नीरज ने बताया कि सोमवार ( नौ सितंबर) को अभ्यास के दौरान वह चोटिल हो गए थे। बाद में एक्स-रे से पता चला कि उनके बाएं हाथ की चौथी मेटाकार्पल हड्डी में फ्रैक्चर हो गया है। हालांकि, चिकित्सकों की मदद से वह फाइनल खेलने में कामयाब हुए। नीरज ने लिखा- जैसे-जैसे 2024 का सीजन समाप्त हो रहा है, मैं उन सब चीजों को याद कर रहा हूं जो मैंने साल भर में सीखा है जिसमें सुधार, असफलताओं, मानसिकता और बहुत कुछ है। सोमवार को अभ्यास के दौरान मुझे चोट लग गई और एक्स-रे से पता चला कि मेरे बाएं हाथ की चौथी मेटाकार्पल हड्डी में फ्रैक्चर हो गया है। यह एक और दर्दनाक चुनौती थी। लेकिन अपनी टीम की मदद से मैं ब्रसेल्स में भाग लेने में सक्षम हो गया।
ब्रसेल्स में खेले गए फाइनल मुकाबले में नीरज 87.86 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 87.87 मीटर के थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल किया और खिताब पर कब्जा जमाया। उन्होंने आगे लिखा- यह साल की आखिरी प्रतियोगिता थी और मैं अपने सीजन का अंत ट्रैक पर करना चाहता था। हालांकि, मैं अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक ऐसा सीजन था जिसमें मैंने बहुत कुछ सीखा। अब मैं पूरी तरह से फिट और खेलने के लिए तैयार हूं। मैं आप सभी को आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। 2024 ने मुझे एक बेहतर एथलीट और इंसान बनाया है। 2025 में मिलते हैं। जय हिन्द!
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण के बाद पेरिस में रजत पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा डायमंड लीग के सत्र का समापन जीत के साथ करने का लक्ष्य लेकर उतरे थे। वह 14 अंक लेकर चौथे स्थान के साथ फाइनल में पहुंचे। हालांकि, यहां उन्हें दूसरे स्थान के साथ संतोष करना पड़ा। इससे पहले वह दोहा और लुसाने में दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं, पेरिस ओलंपिक में भी वह दूसरे स्थान पर रहे थे।
कमर की चोट के बावजूद नीरज ने 2024 में खुद को पहले से कहीं अधिक कठिन बना लिया है। महत्वपूर्ण ओलंपिक वर्ष पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने सर्जरी में देरी करने का विकल्प चुना है। हर बार जब वह मैदान पर उतरे तो उन्हें पता होता था कि एक गलती उनके करियर को भी नुकसान पहुंचा सकती है। चोट ने कभी-कभी उनके रन-अप, ब्रेकिंग और रिलीज को प्रभावित किया है, लेकिन उनके दृढ़ संकल्प को नहीं हिला सकी है। उनकी दृढ़ता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उनकी समर्पित टीम है। विशेष रूप से फिजियो ईशान मारवाहा ने नीरज को इस चुनौतीपूर्ण सीजन के दौरान मैच फिट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ऐसे में फैंस यह उम्मीद कर सकते हैं कि भारतीय स्टार नए सीजन से पहले अपने चोट और बाकी समस्याओं को सुलझा लेंगे और एक बार फिर 90 मीटर को छूने के लक्ष्य का पीछा करेंगे। नीरज ने कहा कि वह इस उपलब्धि के बारे में ज्यादा नहीं सोचते थे, लेकिन अब यह उनके दिमाग में है और नए सत्र में इसे तोड़ने का लक्ष्य रखेंगे। साल 2025 में फैंस निश्चित रूप से ऐसे नीरज को देखने की उम्मीद कर सकते हैं जो दूसरी डायमंड लीग ट्रॉफी हासिल करने और 90 मीटर के निशान को पार करने के लिए पहले से कहीं अधिक दृढ़ संकल्पित होगा।
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