मल्हार मीडिया डेस्क।
भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 के 13वें दिन ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया. ओलंपिक इतिहास में भारत ने 52 साल बाद लगातार दो कांस्य पदक जीते हैं. भारतीय टीम की इस जीत में कप्तान हरमनप्रीत सिंह और गोलकीपर पीआर श्रीजेश का अहम रोल रहा.
हरमनप्रीत सिंह ने मोर्चे से अगुआई करते हुए इस ओलंपिक में कुल 10 गोल दागे वहीं श्रीजेश पूरे टूर्नामेंट में गोल पोस्ट में दीवार बनकर खड़े रहे. तारीफ करनी होगी इन दोनों खिलाड़ियों की जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को पेरिस में मेडल दिलाया. श्रीजेश ने इसके साथ ही हॉकी से संन्यास ले लिया है. 36 साल के श्रीजेश ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में भी कई मौकों पर मुस्तैदी दिखाते हुए गोल को नहीं होने दिया.
हरमनप्रीत सिंह का पेरिस ओलंपिक में एक अलग नजरिए से उतरे थे. कई मैचों में साथी खिलाड़ियों को चोटें भी लगी लेकिन इससे वह घबराए नहीं. बेशक चोट की वजह से खिलाड़ी मैदान से बाहर जाते रहे लेकिन उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह निडर होकर अपना खेल खेलते रहे.
इस ओलंपिक में भारत की ओर से कुल 15 गोल दागे गए जिसमें हरमनप्रीत सिंह ने 8 मैचों में अकेले 10 गोल दाग दिए. उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच में 2 गोल किए वहीं क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में भी गोल किया. भारत ने हॉकी में ओवरऑल 13वां मेडल अपने नाम किया.
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