ओम प्रकाश।
साल 1998 में मीडिया ने एक कहानी गढ़ी कि शेन वॉर्न ने कहा है सचिन उनकी गेंदों पर सपने में छक्के लगाते हैं. यह अफवाह तब तक सही मानी गई, जब तक खुद शेन वॉर्न ने इसका खंडन नहीं किया. कुछ लोग इसे आज भी सत्य मानते हैं. हो सकता वे आगे भी सही मानते रहें. हां ये सही है कि साल 1998 सचिन का गोल्डन ईयर था. इस साल उन्होंने वनडे में 9 शतक लगाए थे. जो आज भी अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इसके अलावा सचिन शेन वॉर्न की गेंदों पर सपने में छक्के लगाते थे या वॉर्न को सचिन के सपने आते थे. इस तथ्य में कोई दम नहीं है.
कुछ साल पहले शेन वॉर्न ने बिजनेसवर्ल्ड मैगजीन को इंटरव्यू दिया था. इस दौरान उनसे वही सवाल पूछा गया कि आपने कहा है कि सचिन सपने में आपकी गेंदों पर छक्के लगाते हैं. इस सवाल के जवाब में वॉर्न ने कहा, मैं आपसे वादा कर सकता हूं कि आज सचिन मेरे सपनों और विचारों में नहीं हैं. मुझे याद नहीं है कि वो कौन सा साल था. लेकिन उन्होंने शानदार पारियां खेली थीं, उन्होंने अॉस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच जीते थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने मजाकिया तौर पर कहा था कि शायद सचिन की ड्राइव के बारे में मुझे बुरे सपने आते हैं. शेन वॉर्न के इस बयान से सपने में उनकी गेंदों पर सचिन के छक्के लगाने वाली बात खारिज हो जाती है.
सचिन तेंदुलकर इंटरनेशनल क्रिकेट में जब ऑस्ट्रेलियाई बॉलर ग्लेन मैक्ग्रा, डेमियन फ्लेमिंग, माइकल कास्प्रोविच, जेसन गिलेस्पी, ब्रेट ली और मिचेल जॉनसन की गेंदों पर रन बना रहे थे, तब भारतीय खेल पत्रकारों को इन गेंदबाजों में सिर्फ शेन वॉर्न नजर आते थे. ऐसे लोगों ने आज भी यह धारणा बना रखी है कि सचिन ने शेन वॉर्न को सबसे ज्यादा कूटा.
लेकिन हकीकत कुछ और है. उपरोक्त 6 गेंदबाजों में कुछ ऐसे बॉलर हैं जिनके खिलाफ सचिन ने शेन वॉर्न की अपेक्षा कहीं ज्यादा रन बनाए. फिर भी, इस बात का कोई जिक्र नहीं करता. इनमें से कई बॉलर्स ने सचिन को इंटरनेशनल क्रिकेट में शेन वॉर्न से ज्यादा बार आउट किया है. यह बात भी दबा दी जाती है. लेकिन, आंकड़े तो आंकड़े हैं. जो दूध का दूध और पानी का पानी कर देते हैं.
आंकड़ों की शुरुआत सचिन बनाम ब्रेट ली से करते हैं. सचिन ने वनडे में ब्रेट ली की 314 गेंद पर 210 रन बनाए. जिनमें 29 चौके और एक छक्का शामिल है. ब्रेट ली के विरुद्ध वनडे में सचिन का स्ट्राइक रेट 67.87 रहा. लेकिन ब्रेट ली भी कम नहीं थे.
उन्होंने सचिन को एकदिवसीय क्रिकेट में 9 बार आउट किया. इसी तरह टेस्ट क्रिकेट में सचिन ने ब्रेट ली की 432 गेंदों पर 242 रन बनाए जिनमें 36 चौके जड़े. ब्रेट ली के खिलाफ टेस्ट में सचिन का स्ट्राइक रेट 56.01 रहा. क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में ब्रेट ली ने सचिन को 5 बार पवेलियन की राह दिखाई.
सचिन ने वनडे में डेमियन फ्लेमिंग की 86 गेंदों का सामना किया. उन्होंने 56.97 के स्ट्राइक रेट के साथ 49 रन स्कोर किए. इस दौरान सचिन ने 6 चौके लगाए. फ्लेमिंग ने सचिन को वनडे में एक बार आउट किया. इसके अलावा टेस्ट में गॉड अॉफ क्रिकेट ने फ्लेमिंग के विरुद्ध 39 गेंद पर 97.43 के स्ट्राइक रेट के साथ 38 रन बनाए. जिनमें 7 चौके शामिल रहे. डेमियन फ्लेमिंग ने टेस्ट में सचिन को 2 बार आउट किया.
क्रिकेट मैदान पर सचिन तेंदुलकर और जेसन गिलेस्पी के बीच दिलचस्प जंग देखने को मिली. सचिन ने वनडे में गिलेस्पी की 113 गेंदों पर 82 रन बनाए. इस बीच सचिन ने 5 चौके और एक छक्का लगाया.
गिलेस्पी के विरुद्ध वनडे में सचिन का स्ट्राइक रेट 75.56 रहा. गिलेस्पी ने सचिन को एकदिवसीय क्रिकेट में 2 बार आउट किया. वहीं टेस्ट की बात करें तो सचिन ने गिलेस्पी की 254 गेंदों पर 57.87 के स्ट्राइक के साथ 147 रन बटोरे. जिनमें 23 चौके शामिल थे. टेस्ट में गिलेस्पी ने सचिन को 6 बार शिकार बनाया.
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन के खिलाफ भी सचिन का बल्ला खूब चला. सचिन ने वनडे में जॉनसन की 218 गेंदों पर 81.65 के स्ट्राइक रेट से 178 रन कूटे. जिनमें 27 चौके शामिल हैं.
जॉनसन ने वनडे में 3 बार सचिन का विकेट चटकाया. इसके अलावा सचिन ने टेस्ट में मिचेल जॉनसन की 502 बॉल पर 250 रन बनाए. इस दौरान सचिन ने 27 चौके जमाए. टेस्ट में भी जॉनसन ने सचिन को तीन बार आउट किया.
ऑस्ट्रेलिया के एक और बॉलर हैं माइकल कास्प्रोविच. सचिन ने वनडे में कास्प्रोविच की 40 गेंद पर सौ के स्ट्राइक रेट से 40 रन बनाए. जिनमें 4 चौके और एक छक्का शामिल है.
इस कंगारू बॉलर ने वनडे में सचिन को एक बार आउट किया. वहीं, टेस्ट की बात की जाए तो सचिन ने कास्प्रोविच की 45 गेंद पर 44.44 के औसत से 20 रन बनाए. कास्प्रोविच के खिलाफ सचिन टेस्ट में एक भी चौका और छक्का नहीं लगा पाए.
कास्प्रोविच ने टेस्ट में सचिन को 2 बार आउट किया.
जब बात ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की हो तो ग्लेन मैक्ग्रा का जिक्र करना जरूरी है. सचिन ने वनडे में मैक्ग्रा की 142 गेंदों पर 61.97 के स्ट्राइक रेट के साथ 88 रन बनाए. इस दौरान सचिन ने 9 चौके और 3 छक्के उड़ाए. मैक्ग्रा ने सचिन को वनडे में 4 बार आउट किया. वहीं, टेस्ट में सचिन तेंदुलकर कंगारू गेंदबाज मैक्ग्रा के खिलाफ खुलकर नहीं खेल पाए. टेस्ट में उन्होंने इस अॉस्ट्रेलियाई पेसर की 148 गेंदों का सामना किया, जिनपर 31 रन बनाए जिनमें 4 चौके थे. मैक्ग्रा के विरुद्ध टेस्ट में सचिन का स्ट्राइक 20.94 रहा. इस किफायती बॉलर ने टेस्ट में सचिन का विकेट तीन बार उखाड़ा.
अब अंत में सचिन बनाम शेन वॉर्न की बात कर ली जाए. टेस्ट और वनडे मिलाकर सचिन-शेन वॉर्न 29 मैचों में आमने-सामने हुए. दोनों फॉर्मेट मिलाकर सचिन ने शेन वॉर्न की 172 गेंदें खेली, जिन पर वह संयुक्त रूप से 123 रन बना पाए. टेस्ट और वनडे मिलाकर सचिन ने शेन वॉर्न के खिलाफ 16 चौके और एक छक्का लगाया. दोनों फॉर्मेट में देखा जाए तो शेन वॉर्न के विरुद्ध सचिन का स्ट्राइक रेट 100 से कम रहा.
इस बीच शेन वॉर्न ने सचिन को इंटरनेशनल क्रिकेट में 4 बार आउट किया. शायद इन्हीं स्टेट्स को ध्यान में रखते हुए शेन वॉर्न ने कई साल पहले कहा था, सचिन मेरे सपने और विचारों में नहीं रहे.
अब उन खेल पत्रकारों को मेलबर्न जाकर एमसीजी पर शेन वॉर्न की प्रतिमा के आगे माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने लिखा था शेन वॉर्न ने कहा है कि सचिन उनकी गेंदों पर सपने में छक्के लगाते हैं.
वैसे क्रिकेट में सचिन और शेन वॉर्न की राइवलरी मशहूर रही. दोनों क्रिकेटरों के बीच मैदान पर जबरदस्त टक्कर देखने को मिली. लेकिन सचिन शेन वॉर्न को सपने में परेशान करते थे, यह बात आंकड़ों के आगे टिक नहीं पाती. दोनों खिलाड़ियों के हेड टू हेड आंकड़ों की बात करें तो दोनों बराबरी पर हैं. पहले टेस्ट आंकड़ों की बात करते हैं. सचिन ने टेस्ट में शेन वॉर्न की 143 गेंदों पर 89 रन बनाए 62.23 के स्ट्राइक रेट के साथ. इस दौरान उन्होंने 14 चौके लगाए. वह टेस्ट क्रिकेट में शेन वॉर्न की गेंद पर छक्का नहीं लगा पाए. वॉर्न ने टेस्ट में सचिन को 3 बार आउट किया.
इसी तरह सचिन ने वनडे में शेन वॉर्न की 29 गेंदें खेलीं जिन पर 34 रन बनाए 117.24 के स्ट्राइक रेट के साथ. सचिन वनडे में शेन वॉर्न के खिलाफ 2 चौके और एक छक्का लगा पाए. वॉर्न ने वनडे में सचिन को सिर्फ एक बार आउट किया. अब आप खुद सोचिए जब सचिन तेंदुलकर ने शेन वॉर्न के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में सिर्फ एक छक्का लगाया हो वह सपने में वॉर्न को कैसे परेशान कर सकते हैं? ऐसी मनगढ़ंत कहानियों से बचकर रहिए.
लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं।
Comments